विष्णुदेव मंडल, INN/Chennai, @Infodeaofficial
महानगर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना महामारी विकराल रूप लेती जा रही है हर दिन हजारों की संख्या में नए मामले आ रहे है जो सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है। कोरोना महामारी के बढते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने आगामी 30 जून तक लोखड़ौन लगा दिया है।
इन बढ़ते मामले की वजह से आमजन को भी घर से बहार निकलने में डर लगता है। कोरोना संकटकाल में सबसे अधिक परेशान गृहिणीया है जिनके कंधे पर रसोई चलाने की जिम्मेदारी है।
इस लॉक डाउन की वजह से कई लोगों की नौकरिया भी चली गयी अब ऐसी स्थिति में घर चलना और भी पहाड़ हो जाता है। हद तो तब हो जाती है जब आमदनी कम हो और खर्च ज्याद।
लॉक डाउन ने फल सब्जिया सभी चीज़े महंगी कर राखी है अब ऐसी स्थिति में में इंसान भूखों मरने को विवश है तो पौष्टिक भोजन तो दूर की कौड़ी है।
इसलिए मैं अधिकतर सूखी सब्जियों का इस्तेमाल करती हूं।
मतलब सुखा मटर सुखा चना आदि को अधिक इस्तेमाल कर रही हूं। ऐसा लगता है की आगामी कई महीनों तक महानगर में कोरोना संकट जारी रहेगा और हम लोगों को पौष्टिक और हरी सब्जियां के बिना भोजन करना पड़ेगा। संतोष सुंदेशा मुथा, साहूकारपेट
एक तरफ लॉकडाउन लगा हुआ है तो दूसरी तरफ सब्जियों का आपूर्ति बिल्कुल ही नहीं हो पा रही है। ऐसे समय हम लोग सूखी सब्जियों का इस्तेमाल अधिक करते हैं।
बढ़ती महंगाई हम महिलाओं को कि किचन की बजट बिगाड़ दिया है। यह समस्या तब तक जारी रहेगी जब तक महानगर में कोरोना संकट बना रहेगा। बन्नी पाठक, नंगनल्लूर
ऐसे में महानगर के सभी उपनगरों का फल और सब्जियों का आपूर्ति लगभग बंद सा हो गया है।
स्थानीय मार्केट में जो सब्जियां उपलब्ध है वह बेहद महंगे बिक रहे हैं। मीना झा, कोलाथुर
कोरोना के इस संकट काल में घर से बाहर निकलना भी ठीक नहीं है इसलिए ऑनलाइन सब्जियां और फल खरीदना ही अच्छा हैं।
इस कोरोना काल में ज्यादा भागदौड़ ठीक नहीं है इसलिए घर में उपलब्ध फल और सब्जियों का इस्तेमाल करना है। कोरोना की संकटकाल में खाने पीने की वस्तुओं के लिए ज्यादा भागदौड़ ना करें जो सहज उपलब्ध हो जाए उन्हीं वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाए। मिताली अग्रवाल
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