कोरोना काल में घर घर पहुंचाया दवाई से लेकर पैसे
रितेश रंजन, INN/Chennai, @royret
मैसेंजर, व्हाट्सप्प व अन्य सोशल नेटवर्किंग सिस्टम के आने के बाद चिठ्ठी पत्री का जमाना ही चला गया। इसके कारन पोस्ट ऑफिस की उपयुक्तता जाती रही। लेकिन कोरोना काल में जो काम पोस्ट ऑफिस ने किया है उससे यह साबित होता है की इसकी उपयोगिता पहले भी थी, अभी भी है और आने वाले दिनों में भी रहेगी।
कोरोना काल में जब सभी परिवहन के साधन बंद थे तब पोस्टल कर्मचारी लोगों के घर घर मनी आर्डर, पैसा और दवाई पहुंचने का काम कर रहे थे। जब ट्रैन और एयर कार्गो सुविधा बंद थी तब पोस्ट विभाग अपने वाहनों द्वारा तमिलनाडु और पोंडिचेरी में बने कोविद टेस्टिंग कीटस, मास्क और वेंटिलेंटर को देश के अन्य हिस्सों में पंहुचा रहा था। इसके अलावा कुछ ऑनलाइन दवा कंपनियों के साथ टाई अप कर लॉक डाउन के दौरान घर घर जाकर दवाइयां पंहुचा रही थी जो अभी भी जारी है।
कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कई योजनाओ का लाभ देने के लिए पोस्टल विभाग ने काम किया। इस दौरान कई कर्मचारी कोरोना संक्रमण का शिकार हुए जो ठीक होकर वापस काम पर लग गए है।
पोस्टल विभाग के तमिलनाडु सर्किल के पोस्टमॉस्टर जनरल चारुकेशी का कहना है की लॉक डाउन के दौरान राज्य सरकार ने असंघटित मजदूरों के लिए दो हजार रुपये की राशि मजदूरों को देने के लिए हमे संपर्क किया और लगभग एक महीने के अंतराल में हमने 6 लाख ऐसे मजदूरों का अकाउंट खुलवाकर उनके कहते में पैसे ट्रांसफर किये।
इसके अल्वा लॉक डाउन के दौरान पोस्ट कर्मी घर घर जाकर एईपीऐस द्वारा लोगों को मोबाइल आप के माध्यम से किसी भी बैंक के खता धारक जिनका अकाउंट आधार से लिंक है उन्हें नकद रुपये मुहैया करते थे।
तमिलनाडु सर्किल के पोस्ट मास्टर जनरल सेल्वा कुमार का कहना है की हमारे कई कर्मचारी लॉक डाउन में काम करने के कारन कोरोना का शिकार हुए। इसके लिए सरकार की और से उनके लिए बीमा सुविधा की व्यवस्था की गयी।
जिन कर्मचारियों का घर दूर है उन्हें उनके पास के डाकघर में काम करने की सुविधा दी गयी। यही नहीं विभाग की और से लॉक डाउन के दौरान गरीब आशय लोगों को भोजन भी बाटा गया।
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