भरत संगीत देव आईएनएन नई दिल्ली@infodeaofficial; सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को आरक्षण और इस पर होने वाली राजनीति पर बहस की गई जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया। आपको बता दें कि डॉ.भीमराव अंबेडकर जी ने संसद में खड़े होकर ये कहा था कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए रोजगार और शिक्षा सम्बन्धित आरक्षण को 10 साल बाद सरकार समता के अधिकार को देखते हुए चाहे तो खत्म कर सकती है और राजनीतिक अधिकार सम्बन्धित आरक्षण को 10 साल बाद भी जारी रखा जा सकता है।लेकिन सरकारें आयी और गयी आज तक न तो दलितों और जनजातियों को अपना सम्पूर्ण अधिकार मिल पाया और न ही समता का बहुत अधिक विस्तार हो पाया। हालांकि SC/ST वर्ग में 95%लोग आज भी पिछडे ओर वंचित ही है सिर्फ 5% लोग ही इसका फायदा उठाते आ रहे है। ऐसा नहीं है कि इस दलित समाज मे क्रीमी लेयर वर्ग या उच्च वर्ग नही है।ऐसे लोग भी है जो सरकार को लाखों का टैक्स देने के बावजूद आरक्षण का लाभ अनवरत लेते आ रहे है। आज केंद्र सरकार ने एससी-एसटी आरक्षण से क्रीमी लेयर को बाहर करने की मांग का विरोध प्रकट करते हुए सुप्रीम कोर्ट कहा कि SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू ही नही होता।कोर्ट ने पलटवार करते हुए केंद्र सरकार को इसका हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है जिसकी सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी। सुप्रीम कोर्ट में “समता आंदोलन समिति” की याचिका दायर है जिसमे SC/ST आरक्षण से क्रीमी लेयर को बाहर किये जाने की मांग की गई है। याचिका यही कहा गया कि इस आरक्षण का लाभ सक्षम लोग ही ले पाते है जिसके कारण वास्तविक जरूरतमंद आरक्षण का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ कर रही थी जिसमे केंद्र सरकार ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति पूरा वर्ग ही वँचित है ऐसे में इस पर क्रीमी लेयर का नियम लागू नही होता इसलिए सरकार इस वर्ग को मिलने वाले लाभों में कटौती नही कर सकती।
याचिका में SC/ST आरक्षण से क्रीमी लेयर को बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि सम्पूर्ण SC/ST वर्ग को पिछड़ा मानना ठीक नही ओर वो भी पिछले 70 सालों से इसका मतलब सरकार अब तक समता नही ला पायी,
सरकारें इस पर राजनीति करने के कारण कभी समानता लाना नही चाहती। सरकार को जरूरतमन्दों ओर वँचित वर्ग की पहचान करके आरक्षण को देना चाहिए न कि उच्च वर्गीय ओर सक्षम क्रीमी लेयर को जिसको आरक्षण की कोई आवश्यकता है ही नही। समिति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा शाहनी मामले में अपने दिए फैंसले में पिछड़ा वर्ग से क्रीमी लेयर को बाहर करने की बात कही ताकि वास्तविक जरूरतमन्दों तक इसका लाभ पहुंच सके,ऐसा ही वर्तमान में SC/ST आरक्षण में होना चाहिए। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुका है कि SC/ST को प्रोन्नति देने से पहले उनके पिछड़ेपन ओर अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाने के बाद प्रोन्नत किया जाए।
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