आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
नागरिकता विधेयक को लेकर हो रहा विरोध प्रदर्शन उत्तरपूर्व से उत्तर, पश्चिम होते हुए अब दक्षिण पहुंच चुका है। सोमवार की सुबह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में कॉलेज और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने इस विधेयक व रविवार को जामियाइसलामिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के खिलाफ पुलिस ने जो बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया है उसके खिलाफ आज मोर्चा खोला।
आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों ने इस विधेयक, दिल्ली पुलिस के आताताई रवैये, केंद्र सरकार के मूकदर्शक के रवैये के खिलाफ नारेबाजी और रैली निकाली। इस रैली में विद्वार्थी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ भी नारेबाजी करते दिखे।
इन छात्रों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मौजूदा केंद्र सरकार जो भारतीय परम्परा और संस्कृति के संरक्षण का दम्भ भरती है क्या वह यह भूल गई कि हमारी संस्कृत वासुदेव कुटुम्बकम को भी मानती है।
जिसमें धर्म, जाति, रंग आदि का भेद नहीं किया जाता तो फिर यह बिल लाकर केंद्र सरकार क्या दर्शाना चाहती है। क्या ऐसा कर वह हमारी परम्परा और संस्कृति को बचा रही है या नष्ट कर रही है।
दूसरा विरोध प्रदर्शन मद्रास विश्वविद्यालय में देखा गया जहां विद्यार्थियों के गुट ने विश्वविद्यालय परिसर में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ खूब नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन में कोई छात्र संगठन शामिल नहीं था। विद्यार्थियों के एक गुट ने विश्वविद्यालय के गेट के आगे तख्ती, बोर्ड लेकर प्रदर्शन शुरू किया जिसके बाद उनके साथ और भी लोग जुड़ते रहे।
तीसरी घटना तमिलनाडु के कांचिपुरम जिले के शोल्लिंगनल्लूर स्थित मोहम्मद सत्ताक कॉलेज की है। यहां विद्यार्थियों ने कॉलेज के मुख्य द्वार को जाम कर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
इनके साथ कॉलेज के अन्य विद्यार्थी भी शामिल हो गए। कॉलेज में प्रदर्शन के कारण लंच के पहले की क्लासेस बाधित रहीं।
उसके बाद स्थिति सामान्य हुई तो कई विद्वार्थी अपने घर वापस लौट गए। जब इस बारे में कॉलेज के प्रबंधन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी विद्यार्थियों ने प्रदर्शन की योजना बनाई है।
जामियाइसलामिया के विद्यार्थियों के साथ पुुलिस के बर्बर व्यवहार पर पुदुचेरी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का भी गुस्सा फुटा। सोमवार को पुदुचेरी विश्वविद्यालय के भी विद्यार्थियों ने इस घटना के खिलाफ मोर्चा निकाला और मार्च पास्ट किया।
इन विद्यार्थियों का कहना था कि मौजूदा केंद्र सरकार युवाओं को खासकर के विद्यार्थियों पर अपना बलप्रयोग कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। पहले उन्होंने जे एन यु के विद्यार्थियों के साथ ऐसा ही कुछ करने का प्रयास किया और अब जामिया के साथ तो कल को हममे से किसी का नम्बर आएगा। केंद्र सरकार की इस दमनकारी नीति को हम कभी बर्दास्त नहीं करेंगे।
सोमवार की सुबह चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास भी कुछ विद्यार्थियों के गुटों ने नागरिकता विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन शुरू होने के कुछ ही देर बाद पुलिस की टीम ने इन विद्यार्थियों को बस में बंद कर वहां से ले गई, जिन्हें देर शाम रिहा कर दिया गया।
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