बेतिया राज परिवार की संपत्ति का अधिग्रहण बिल पास

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र

INN/Patna, @Infodeaofficial

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था। सत्र की शुरूआत 25 नवंबर को हुई थी। इन पांच दिनों में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण बिल पास किया। इसमें रोजगार से लेकर बेतिया राज परिवार की संपत्ति का अधिग्रहण तक शामिल था। हालांकि, सत्र के दौरान दोनों सदनों में विपक्ष का जोरदार हंगामा जारी रहा।

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरूआत झारखंड, महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव और बिहार उपचुनाव के नतीजे आने के ठीक दूसरे दिन हुई। पांच दिनों के इस सत्र में झारखंड में जीत के बाद विपक्ष का मनोबल बढ़ा दिखा। इसके कारण, पांचों दिन जबदरदस्त हंगामे हुए। सभापति को मार्शल तक बुलाना पड़ा। जबकि, बिहार उपचुनाव में चारों सीटें जीतने के बाद, एनडीए में भी उत्साह बढ़ा दिखा।

बिहार विधानमंडल के पांचों दिन विपक्ष सरकार को स्मार्ट मीटर, रोजगार, कानून व्यवस्था और वक्फ बिल संशोधन जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरती रही। सदन के अंदर और बाहर जबरदस्त हंगामा होता रहा. हालांकि, इस बीच राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण बिल को पास करा लिया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बिल बेतिया राज परिवार से जुड़ा है। बेतिया राज करीब 15 हजार एकड़़ से अधिक जमीन और अन्य संपत्ति अब राज्य सरकार की होगी. इसके साथ ही, बिहार में चल रहे जमीन सर्वे में आ रही परेशानियों को भी दूर दिया गया। साथ ही, व्यापारियों को राहत देने वाली GST माफी योजना विधेयक भी विधानसभा से पास हो गया।

शीतकालीन सत्र में राजद समेत तेजस्वी यादव के सरकार को मुद्दों पर ही नहीं, सिटिंग अरेजमेंट पर भी घेरते दिखे. तेजस्वी ने कहा कि कोई भी सदन नियम और कायदे से चलता है। लगातार तीन सत्र से आरजेडी के जो बागी विधायक हैं वो मंत्रियों के सीटों पर बैठ रहे हैं। नियम के अनुसार देखा जाए तो वे आज भी आरजेडी के ही विधायक हैं और उनकी सीट विपक्ष के साइड अलॉट है।

साल 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में, एनडीए के साथ विपक्ष भी चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। महागठबंधन के नेता सदन में ऐसे मुद्दों अभी से उठा रहे हैं जिनको वो चुनाव में आधार बना सकते हैं। हालांकि, विपक्ष के सवालों का जवाब एनडीए के नेताओं ने भी सदन के अंदर और बाहर जबरदस्त तरीके से दिया है।

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