फसल उत्पादन में विविधता लाये किसान: वेंकैया नायडू
घर में करे खाद्य पदार्थो का उत्पादन
आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
अब समाया आ गया है की हम प्रमुख अनाज की फसलों के खेती से हटकर उस प्रणाली में खेती करे जिसमे विभिन्न खाद्य पदार्थ की समेकित खेती करें। हमारे देश के कृषको को दाल, बाजरा, फल व सब्जियों की खेती करने चाहिए।
एम् एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन में रविवार को नेशनल कंसल्टेशन ऑन लेवेरागिंग एग्रीकल्चर फॉर नुट्रिशन उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा की हमे वैसे खाद्य उत्पादन की खेती पर जोर देना चाइये जिसमे पोषक तत्व ज्यादा हो.
दलहन की खेती से न केवल किसानो को फायदा होगा बल्कि इससे मिटटी का उर्वरा शक्ति भी मजबूर बना रहेगा. यदि हम दलहन फसल का उत्पादन अपने देश में जयदा करे तो इससे देश को बहार से दाल आयात करने की जरुरत नहीं पड़ेगी और हम ६ मीट्रिक टन दाल जो बाहर के देश से आयात करना पड़ता है उसका वजन कम होगा.
लोगो को सलाह देते हुए उन्होंने कहा की हमे घर में जरुरी खाद्य पदार्थो के उत्पादन पर जोर देने की जरुरत है. ज्वर, बाजरा, रागी, कुटकी, कोदो, सवा कंगनी और चीना में पोषक तत्त्व ज्यादा होते है हमे इसका उत्पादन जयदा मात्रा में करना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा के इन खाद्य पदार्थो के लिए बाजार तैयार करने की जरुरत जिसे हम इसे पीडीएस प्रणाली आपूर्ति से जोड़ दे तो काफी लाभ मिलेगा.
इस मौके पर तमिलनाडु के कृषि व पशुपालन मंत्री आर दोरईककांणू ने कहा के वर्ष 2017-18 में तमिलनाडु में 28.8 लाख मीट्रिक टन दलहन का उत्पादन होता था. इसमें मौजूदा वर्ष में 1.15 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई है. इसके उत्पादन क्षेत्र में 1.19 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है. दाल की खेती में बढ़ोतरी के लिए सरकार ने ४.५ करोड़ रुपये की आवंटन किया गाय है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राज्य में बाजरे की खेती के लिए 5.77 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है.
इस मौके पर एम्एसएसआरएफ के संस्थापक चेयरमैन एम् एस स्वामीनाथन, कार्यकारी निदेशक वी सेल्वम, निदेशक आर रुक्मणि समेत कई अन्य लोग मौजूद थे.