सुष्मिता कुमारी, आईआईएन/चेन्नई, @SushmitaSamyak
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री, मोदी ने 24 मार्च से देश भर में सम्पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया। जिसके बाद पूरे देश के लोग घरों में कैद हो गए।
सरकारी-प्राइवेट, छोटी-बड़ी, स्कूल-कॉलेज, आदि सारी संस्थाऐं बंद हो गयीं। कक्षा 1-9 तक के सभी छात्र-छात्राओं को अगले कक्षा में प्रमोट करने का आर्डर दे दिया गया।
उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए कई स्कूलों ने ऑनलाइन माध्यम जैसे ज़ूम को अपनाया। इसके बावजूद बाहर खेलने-कूदने न जाने के कारण बच्चों का अधिकतर समय स्मार्ट फ़ोन, वीडियो गेम्स, इत्यादि जैसे आधुनिक उपकरणों के साथ गुज़र रहा था। जिसका बुरा परिणाम बच्चों की स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। आँखों को क्षति पहुँच सकती है ।
ऐसी ही समस्याओं से निपटने के लिए चेन्नई की महिलाओं ने एक रास्ता निकाला है। स्कूल बंद होने के बाद से बच्चे घर में बैठकर टीवी अथवा मोबाइल से चिपके रहते थे।
ऐसे में इन बच्चों को व्यस्त रखने के लिए महानगर की महिलाओं ने व्हाट्सएप्प पर एक ग्रुप बनाया। जिसमें बच्चों के अभिभावकों को जोड़ा गया।
इस ग्रुप में हर रोज़ बच्चों के लिए अलग-अलग प्रकार के टास्क दिए जाते हैं। जिससे बच्चों में सोचने की क्षमता बढ़े और मानसिक विकास हो। साथ ही साथ ऐसे टास्क भी दिए जाते हैं जिससे बच्चों द्वारा शारीरिक गतिविधियाँ भी होती रहे।
इन टास्क में वेस्ट पेपर से कोई कलात्मक चीज़ बनाना जिसे घर में उपयोग में लाया जा सके। कलरफुल पेपर या कार्ड बोर्ड का इस्तमाल कर ग्रीटिंग कार्ड तैयार करना आदि कैसे ऐसे टास्क बच्चों को दिए जाते है जिसमे बच्चों की मदद उनके अभिभावक करते है।
बच्चों में उत्साह बनाये रखने के लिए बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाता है, जो उनके अभिभावक ही करते है।
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