आईआईएन/मुम्बई, @Infodeaofficial
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद से सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। जिस शिवसेना और भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ लड़े वही एक-दूसरे को आंखे दिखा रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से शिवसेना अपने उम्मीदवार के लिए ढ़ाई साल का मुख्यमंत्री पद की मांग पर डटी रही तो वहींं भाजपा देवेंद्र फणडवीस को मुख्यमंत्री बनाने पर अड़ी रही। नतीजा यह रहा कि आज 30 साल का गठबंधन टूट गया।
शिवसेना अपने 56 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा कर रही है। इस काम में उसकी मदद करने को एनसीपी और कांग्रेस पार्टी आगे आ रहे हैं। दोनों पार्टियों की पहली शर्त यह थी कि अगर शिवसेना महाराष्ट्र में उनकी मदद से सरकार बनाना चाहती है तो उन्हें एनडीए गठबंधन से अलग होना पड़ेगा।
अब सबकी निगाहें कांग्रेस आलाकमान और शरद कुमार के फैसले पर टिकी हुई है। देखना यह है कि अब ये दोनों पार्टियां कौन से शर्त पर शिवसेना से हाथ मिलाती हैं और क्या शिवसेना इनकी शर्तों को मानने के लिए तैयार भी होती है या नहीं।
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