क्रय क्षमता की कमी रीयल एस्टेट व्यवसाय को कर रहा मंदा

आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial 

लोगों में क्रय क्षमता की कमी रीयल एस्टेट व्यवसाय को मंदा कर रही है। हालांकि सरकार ने अपने अंतरिम बजट और हालिया बजट में आम नागरिक को छूट तो दी है पर इससे लोगों को उतनी राहत नहीं मिली जिससे वे घर खरीद सकें या फिर उसमें निवेश कर सकें। विमुद्रीकरण के बाद से रीयल एस्टेट व्यवसाय ऐसा लुढक़ा कि उसमें अब तक भी जान नहीं आई है।

इस विषय पर चेन्नई महानगर में राजस्थान मूल की उन बड़ी हस्तियों से बातचीत की गई जो इस क्षेत्र से काफी सालों से जुड़ी हुई हैं। इस बातचीत में टीम ने इस उद्योग की मौजूदा स्थिति और इससे जुड़ी चुनौतियों को जानने की कोशिश की।

एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2030 तक रीयल एस्टेट का व्यवसाय एक ट्रिलियन हो जाएगा जबकि 2025 तक जीडीपी में इसका योगदान 13 फीसदी रहेगा। लेकिन इस क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों का कहना है कि विमुद्रीकरण के बाद से इस क्षेत्र में जो गिरावट आई है उससे यह अब तक उबर नहीं पाया है।

कर्मिशल प्रॉपर्टी में निवेश आज का ट्रेंड

इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खींवराज ग्रुप के अजीत चोरडिय़ा का कहना है कि मौजूदा दौर में लोगों की रुचि रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी से ज्यादा कमर्शियल प्रॉपर्टी में बढ़ रही है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक एनआरआई देश में सबसे ज्यादा पुणे, बेंगलूरु, अहमदाबाद, हैदराबाद और चेन्नई में प्रॉपर्टी में निवेश करने के ज्यादा इच्छुक हैं।

पुणे के सबसे ज्यादा लोकप्रिय होने का कारण वहां लोग रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश के उद्देश्य से पैसा खर्च करते हैं ताकि बेचने पर उसकी अच्छी कीमत मिल सके। चेन्नई में ट्रेंड दूसरे तरीके का है। यहां लोग अपने परिवार को रखने के लिए मकान खरीदते हैं।

हालांकि अब ट्रेंड बदल रहा है। लोग यहां कमर्शियल प्रॉपर्टी में ज्यादा निवेश करना चाहते हैं। रुपए की कीमत घटना भी एक प्रमुख कारण है। एनआरआई देश में प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं। लेकिन इससे रीयल एस्टेट से जुड़े व्यवसाइयों को कुछ खास लाभ नहीं मिलता है।

 

 

स्मार्ट सिटी परियोजना से रीयल एस्टेट क्षेत्र को काफी उमीद

जैन हाउसिंग के सचिन मेहता का कहना था कि रीयल एस्टेट व्यवसाय को स्मार्ट सिटी परियोजना से काफी आशा है।

यह परियोजना फिलहाल कुछ चुनिंदा शहरों तक ही सीमित है लेकिन जैसे-जैसे इस परियोजना का विस्तार होगा यह महानगर के उपनगरीय इलाकों और अन्य शहरों तक पहुंच जाएगी।

इससे आधारभूत ढांचे व तकनीकी का विकास होगा जिससे रीयल एस्टेट व्यवसाय को काफी लाभ मिलेगी। इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों में रीयल एस्टेट में निवेश और खरीददारी के प्रति रुचि बढ़ेगी, जिसका लाभ रीयल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों और

 

व्यवसाइयों को मिलेगा

वर्ष 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विमुद्रीकरण की घोषणा की थी उसके बाद से रीयल एस्टेट का व्यवसाय अब तक काफी मंदा रहा। लेकिन अब स्थिति में सुधार आ रहा है।

दुर्गा प्रसाद का कहना है कि इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि रीयल एस्टेट के व्यवसाय में नकदी का ज्यादा प्रयोग होता है, जिसमें काला धन ज्यादा शामिल होता था।

विमुद्रीकरण के बाद से इस पर काफी लगाम लगी है लेकिन जो लोग गलत धंधे में नहीं थे उन पर कोई खास असर नहीं पड़ा। नुकसान केवल उन लोगों को हुआ जो इस व्यवसाय में गलत तरीका अपना कर पैसा कमाने में जुटे थे।

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