जैन तीर्थं सम्मेद शिखर की पवित्रता कोई खतरा नहीं
शिखर जी बचाओ अभियान के तहत अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ (एआईजेएमएफ) के प्रतिनिधिमंडल ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवरदास से मुलाकात की।
आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने कहा सम्पूर्ण सम्मेद शिखर तीर्थ परिक्षेत्र जैन धर्म के धर्मतीर्थ के रूप में ही रहेगा।
इसकी पवित्रता को कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। एआईजेएमएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी और सांसद दिलीप गांधी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल ने उनको जैन समाज में चल रहे ‘शिखरजी बचाओ अभियान’ के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने कहा सम्मेद शिखर झारखंड के लिए भी गौरव का विषय है तथा उसके मूल स्वरूप को बनाए रखना सरकार का दायित्व है।
एआईजेएमएफ के राष्ट्रीय महामंत्री संदीप भंडारी ने बताया कि मुख्य मंत्री ने यह भरोसा दिलाया है जैन लोगो की भावना को टेश पहुंचाने वाला कोई काम नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया की जैन तीर्थंकरो में से 20 तीर्थांकरों का निर्वाहन इसी जगह पर हुआ है। इसलिए यह जगह हमारे लिए काफी महत्वा रखता है।
उक्त मुलाकात से पूर्व नई दिल्ली में एआईजेएमएफ का प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय अल्पसंख्यक राज्यमंत्री डॉ. वीरेन्द्रकुमार एवं केन्द्रीय सांस्कृतिक एवं पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा से भी मिला और उन्हें जैन धर्म के बीस तीर्थंकरों के पवित्र निर्वाण-स्थल सम्मेद शिखर एवं शत्रुंजय गिरिराज पालीताणा तीर्थों को धार्मिक रूप से संरक्षित पूजा स्थल घोषित करने की मांग की। मंत्रियों ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।