नित नयापन लाते रहे अपनी कविताओं में

वूमेन्स किश्चियन कॉलेज में हुआ आधुनिक हिन्दी कविता पर कार्यशाला और व्याख्यान

युवाओं को अपनी कविताओं में नित नयापन लाने का प्रयास करना चाहिए। बदलते समय में समय के साथ अपने कला-कौशल में विकास में लाना चाहिए।

श्रेया जैन, आईएनएन/चेन्नई, @shreyaj44299583

नुगम्बाक्कम स्थित वूमेन्स क्रिश्चियन कॉलेज (डब्ल्यूसीसी), चेन्नई के हिन्दी विभाग के तत्वावधान में हाल ही स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्राओं के लिए आधुनिक हिन्दी कविता पर एक कार्यशाला एवं व्याख्यान आयोजित किया गया।

व्याख्यान में बतौर वक्ता कवियित्री और हिन्दी शिक्षिका रचना तिवारी ने हिस्सा लिया। उन्होंने हिन्दी कविता के विकासक्रम पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक समय में हिन्दी कविता के स्वरूप की विवेचना की।

उन्होंने सरल तरीके से कविता लेखन के बिंदुओं को समझाया। तदुपरांत सभी छात्रों ने मुक्तक कविता की रचना जिसे वक्ता ने उनको इसमें सुधार करने का सुझाव दिया।

उन्होंने गीत के माध्यम से कन्या भ्रूणहत्या एवं नन्ही बच्चियों से दुराचार जैसे ज्वलंत सामयिक विषयों पर प्रकाश डाला।

भाषा विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता जाजोदिया ने अतिथि का अभिनंदन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में कृति ने स्वागत भाषण दिया एवं श्रेया फिलिप ने संचालन किया। खुशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

भाषा विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता जाजोदिया ने अतिथि का अभिनंदन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में कृति ने स्वागत भाषण दिया एवं श्रेया फिलिप ने संचालन किया। खुशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

अगले दिन शनिवार को स्नातक प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए हिन्दी विभाग द्वारा लोककथाओं का जीवन में महत्व विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।

साहित्यकार रमेश गुप्त नीरद मुख्य अतिथि थे। अपने व्याख्यान में नीरद ने कहा लोकथाएं मानव को संस्कारित करती हैं किन्तु अफसोस कि सामाजिक संस्कार और सन्देश की यह महत्वपूर्ण परंपरा आधुनिक समय में लुप्त होती जा रही है।

हिन्दी में तमिल लोककथाएं उपलब्ध न होने के कारण उन्होंने प्रचलित लोककथाओं के आधार पर तमिल लोककथा नामक पुस्तक लिखी।

बातचीत के विशेष सत्र में छात्राओं द्वारा हिन्दी भाषा का व्यवहार, शिक्षा प्रणाली व नारी सशक्तिकरण आदि मुद्दों पर पूछे गए प्रश्नों का नीरद ने जवाब दिए। उन्होंने अपने लेखन और जीवन से जुड़े अनुभव भी साझा किए।

साथ ही अपना चुनिंदा सरस गीत-गा सको तो गीत गाओ, प्यार के दुलार के आह्वान सुनाया। भाषा विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता जाजोदिया ने उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रियंका के स्वागत भाषण से हुई। कार्यक्रम का संचालन किया। खुशबू ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. शशिकला भी कार्यक्रम में उपस्थित थी।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *