विक्रम जैन, आईएनएन/आंध्रा प्रदेश, @Jainvikaram18
कोरोना काल में विद्या को व्यापर बना कर लूट मचा रहे निजी और कॉर्पोरेट स्कूलों पर जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इन स्कूलों पर कोई करवाई नहीं की गयी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय सचिव मनोज नेल्लोर में इसके खिलाफ मोर्चा खोला और जिला शिक्षा अधिकारी को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भी सौपा।
उन्होंने कहा की कोरोना महामारी की वजह से कई लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। यहाँ शिक्षा के नाम पर निजी और कॉर्पोरेट स्कूलों ने लूट मचा रखी है।
परिस्तिथि कैसी भी हो स्कूल शुल्क भरने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालती रहती है। जिला शिक्षा विभाग चुप्पी की वजह से ये स्कूल सरकारी नियमो का उलंघन कर रहे है।
कोरोना काल में बंद पड़े स्कूल की वजह अब ऑनलाइन क्लास की शुरुआत की गयी है और इसके लिए अलग से शुल्क भरने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाला जा रहा है।
अगर शुल्क नहीं भरते है तो छात्रों को ऑनलाइन पासवर्ड नहीं दिया जा रहा है जिस से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। इस के साथ साथ नई कक्षाओं में प्रमोट करने के लिए अधिक राशि भी वसूली जा रही है।
नगर सचिव जशवंत सिंह राजपुरोहित ने कहा की ऑनलाइन शिक्षा और किताबो के नाम पर मनमाने शुल्क वसूल रहे है।
स्कूलों पर जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल करवाई की मांग की और अभिभावकों की समस्याओ के निदान के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी कर ने को कहा।
इनलोगों ने जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर अभिभावकों और छात्रों की समस्या का तुरंत निकरण करने का आग्रह किया।
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