रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
तमिल फिल्म के सूपर स्टार रजनीकांत द्वारा पेरियार पर टिप्पणी के मामले के दो दिन बाद चेन्नई के चेंगलपेट्टु के पास पेरियार की प्रतिमा को कुछ अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना शुक्रवार सुबह की है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि तमिल मैग्जीन तुगलक के 50वें वर्षगांठ पर रजनीकांत ने कहा था कि 1971 में पेरियार ने एक रैली निकाली थी जिसमें राम-सीता की नग्न तस्वीर थी। उनकी प्रतिमा को चप्पलों की माला पहनाई गई थी। उस वक्त इस खबर को केवल तुगलक में छापा गया और किसी मीडिया में इस खबर को नहीं छापा गया था।
रजनीकांत के इस टिप्पणी के बाद राजनैतिक हल्कों में इसके पक्ष-विपक्ष में प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। डीएमके ने रजनीकांंत के इस ब्यान की कड़ी नींदा की। कई द्रविड़ संगठनों ने रजनीकांत के खिलाफ मोर्चा खोल कर दिया। उनके घर पर प्रदर्शन हुआ जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई। रजनीकांत ने भी इस वकतव्य पर माफी मांगने से इंकार कर दिया।
यह पहली बार नहीं है जब पेरियार की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया हो। अप्रैल 2011 में राज्य के अरंतंगी में पेरियार की आदमकद प्रतिमा को तोड़ा गया था। यह प्रतिमा सरकारी अस्पताल के पास है, जिसके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया था।
सिर को तोर कर उसे सड़क पर छोड़ दिया गया था। वहीं मार्च 2018 में वेलोर में पेरियार की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया था। यह तब हुआ जब भाजपा नेता एच राजा का ब्यान आया कि पेरियार के सभी मुर्तियों को नष्ट कर देना चाहिए।
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