रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
हाल ही में संसद में बजट पेश करने के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी में विनिवेश की घोसना की है उसके विरोध में मंगलवार को एलआईसी कर्मचारियों के संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इन्सुरेंस फील्ड वर्कर्स ऑफ़ इंडिया एनएफआईएफआईएफडब्लूआई के सदस्यों ने मंगलवार को राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया।
गौरतलब है की यह प्रदर्शन एनएफआईएफआईएफडब्लूआई द्वारा दशभर में एलआईसी में हो रहे विनिवेश के विरोध कार्यक्रम का हिस्सा है। इस प्रदर्शन में राज्य भर से करीब डेढ़ लाख एलआईसी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इनकी मांग है सरकार एलआईसी में विनिवेश के फैसले को वापस ले।
इंफोडिया की टीम से बात करते हुए एलआईसी के कर्मचारियों ने बताया की एलआईसी में विनिवेश कर सरकार लोगो के विस्वास के साथ खिलवाड़ कर रही है।
एलआईसी लाभ देने वाली कंपनी है। सरकार इसमें विनिवेश किस उद्देश्य से कर रही है इसका कोई तुक समझ में नहीं आ रहा। एलआईसी रोजाना करीब एक हज़ार करोड़ का कलेक्शन करती है।
जिसका इस्तमाल सरकार अपने विभिन्न योजनाओं में करती है। अबतक सबकुछ ठीक चलता आ रहा था, अचानक से ऐसा क्या हो गया जो सरकार को इसमें विनिवेश की जरुरत पद गयी।
चेन्नई के माउन्ट रोड स्थित एलआईसी मुख्यालय में करीब 500 से अधिक लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। चेन्नई के विभिन्न एलआईसी कार्यालय में करीब 5000 से अधिक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
वर्ष 2018 में 30, 000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया। कर्मचारियों ने बताया कि हम तबतक विरोध करते रहेंगे जबतक सरकार इस फैसले को वापस न लेले।
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