बायोफ्यूल मिश्रण से देश ने आयात बिल में 91000 करोड़ रुपए बचाए
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि बायोफ्यूल मिश्रण के माध्यम से देश आयात बिल में 91,000 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है और इस राशि का उपयोग कृषि क्षेत्र के लाभ के लिए किया जा सकता है। आज बेंगलुरु में 27वें ऊर्जा प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर बायोफ्यूल मिश्रण में दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत समय से काफी पहले अगले साल में ही 20 प्रतिशत बायोफ्यूल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे हमारी रिफाइनरियां हरित ऊर्जा की ओर बढ़ेंगी, देश ग्रीन हाइड्रोजन के लक्ष्य को पाने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग 2047 तक ढाई गुना बढ़ जाएगी।
कार्यक्रम में बोलते हुए श्री पुरी ने रिफाइनिंग क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया जो 2001 में घाटे की स्थिति से एक वैश्विक रिफाइनिंग केंद्र और उच्च गुणवत्ता वाले पेट्रोलियम उत्पादों का शुद्ध निर्यातक बन गया है। श्री पुरी ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रिफाइनिंग क्षेत्र में शानदार प्रगति देखी है। उन्होंने कहा कि 2001 की घाटे की स्थिति से उबरकर देश ने रिफाइनिंग में आत्मनिर्भरता हासिल की है और आज भारत गुणवत्ता वाले पेट्रोलियम उत्पादों का एक प्रमुख निर्यातक बन गया है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत 256.8 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) की क्षमता के साथ दुनिया भर में चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग देश बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के रणनीतिक ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप, 2030 तक रिफाइनिंग क्षमता को 310 एमएमटीपीए तक विस्तारित करने के प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश को अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और प्रौद्योगिकी नवाचार में तालमेल जरूरी है। तीन दिवसीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन सेंटर फॉर हाई टेक्नोलॉजी और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया गया है। सम्मेलन में 1200 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं और इसमें 60 पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
सम्मेलन में 23 एक्जीबिटर्स अपनी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने वर्ष 2023-24 के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा कुशल तकनीक पुरस्कारों का वितरण किया।