आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
तमिलनाडु में पंचायत पदों की होती है नीलामीे जीतनी अधिक बोली लगाएगा उसे मनचाहा पद मिलेगा। लोकतंत्र की सबसे नीचली कार्यकारी समिति पंचायत के पदों की नीलामी का रवैया कोई आज का नहीं बल्कि यह एक सालों पूरानी प्रथा है।
जी हां यह जानकर आप भी चौक गए होंंगे। लेकिन यह वाक्या सत प्रतिशत सच है। इंफोडिया के हाथ कुछ ऐसे वीडियो लगे हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं। अगर आपकों अब भी यकीन नहींं आ रहा है तो इन वीडियों को देखकर आपकी सारी आशंकाए दूर हो जाएंगी।
हाल के दिनों मेें तमिलनाडु से कई ऐसे चौकानी वाली खबरें सामने आ रही हैं और घटनाक्रम से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहें है। यह पूरा घटनाक्रम यह दर्शाता है कि तमिलनाडु में लोकतंत्र कि नहीं धनतंत्र की तुति बोलती हैं।
तमिलनाडु में पंचायत के चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में विभिन्न पदों के लिए बोली लगाई जा रही है। यह तमिलनाडु के किसी एक जिले की घटना नहीं है बल्कि कई जिलों से ऐसे वीडियो और खबरे वायरल हो रही है।
पेन्नाग्राम में पंचायत अध्यक्ष पद के लिए २५.०४ लाख रुपए की बोली लगाई गई। पन्निकुलम पंचायत के ग्राम अध्यक्ष के पद को बेचने के साथ पंचायत के तीन गांवों के उपाध्यक्ष, और वार्ड काउंसलर के पदों को उचित बोली लगाने वाले को दे दिया गया।
इस बारे में जब पेन्नाग्राम के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से पूछा गया तो उनका कहना है कि उन्हें भी इस बारे में जानकारी मिली हैं और वह उस वीडियो की जांच करा रहे हैं। उन्होंने जब अपने स्तर से मामली की छानबीन पर किसी ने इस मामले में नहीं कुछ बोला और न ही शिकायत दर्ज कराई है।
इंफोडिया की टीम ने स्थानीय लोगों से जब इस बारे में पूछा तो नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है ऐसा सालों से होता आ रहा है। सूत्रों के मुतिबिक वर्ष 2011 में इन पदों को 15-30 लाख रुपए की कीमत और वर्ष 2016 में 35-50 लाख रुपए की कीमत पर बेचा गया लेकिन चुनाव किन्हीं कारणों से नहीं कराए जा सके। अब इसें50-70 लाख की बोली लग रही है। वार्ड सदस्य की सीट की बोली 50 से उपर चल रही है।
तमिलनाडु के कडलुर जिले के नडुकुप्पम की घटना का यह वीडियो है, जहां पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए मंंदिर में दान की कीमत पर टिकी है।
दूसरी घटना त्रिची जिले के अरसलुर की है, जहां जहां इस पूरी प्रक्रिया का कैमरे से वीडियो बनाने के दौरान विवाद खड़ा हो गया। यहां पंचायत के प्रमुख के पद के लिए बोली लग रही थी।
तीसरी घटना तंजावुर जिले के तिरुमंगलाकोट्टै की है 32 लाख रुपए मंदिर की मरम्मत में अनुदान देने वाले को दे दिया जा जाता है। 15 दिसम्बर इस पूरी प्रक्रिया को करने की अंतिम तारीख है।
Leave a Reply