आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
मद्रास उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन फार्मा ट्रेडर्स को तगड़ा झटका देते हुए दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री 11 नवंबर तक रोकने का अंतरिम आदेश पारित कर दिया। न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने तमिलनाडु केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया।
इस याचिका में मांग की गई थी कि अदालत अधिकारियों को उन लिंक्स को प्रतिबंधित करने का आदेश दे जिनके तहत आनलाइन दवाइयों की बिक्री होती है। एसोसिएशन के मुताबिक, ऑनलाइन शॉपिंग उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक हो सकती है, पर लाइसेंस रहित ऑनलाइन स्टोर से दवाइयां खरीदना खतरनाक हो सकता है क्योंकि वे नकली, अवधि पार की, दूषित, कम मानक गुणवत्ता की, अस्वीकृत दवाओं या असुरक्षित उत्पाद बेच सकते हैं जो रोगियों के लिए खतरनाक हैं और उनके स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकती हैं।
देश में इसके लिए कोई ठोस कानून नहीं है। यूं तो अधिनियमों में कई तरह के संशोधन किए गए हैं पर सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि दवा का व्यापार सामान्य वस्तु व्यापार नहीं है, यह जीने और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसके लिए दवाएं चिकित्सक की सलाह पर योग्य फॉर्मासिस्ट की निगरानी में ही बेची जानी चाहिए। वे अनुसूची एच और अनुसूची एक्स के तहत आने वाली दवाओं की ऑनलाइन बिक्री करने वाले वेबसाइट लिंक को ब्लॉक करने के बारे में भी अदालत का हस्तक्षेप चाहते हैं। अदालत ने केंद्र को इस मामले में जवाब देने को कहा है और सॉलिसिटर जनरल को केंद्र से अनुदेश लेने का निर्देश दिया है।
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