पर्वतारोहियों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंचे डॉक्टर

दस लोगों की बचाई जान

आईएनएन, नई दिल्ली; @infodeaofficial;

तेनी जिले के कुरंगनी जंगल में हाल में लगी आग में 37 पर्वतारोहियों की मदद के लिए वहां सबसे पहले डाक्टरों की एक पहूंची। इतने लोगों के फंसे होने की खबर मिलने पर एक तरफ प्रशासन और आपदा बचाव विशेषज्ञ जहां अपनी योजना बनाने में व्यस्त थे वहीं वहीं डा. सीपी राजकुमार और डा. एस सतीश की अगुवाई में छह लोगों की टीम रविवार देर रात ही मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच गई थी। यह टीम आधी रात को वहां पहुंचकर टै्रकर्स की मदद में जुट गई।

इस टीम के सदस्यों ने बताया कि रात का समय और घने अंधेरे ने उनके काम काफी रुकावटें पैदा की फिर भी घटनास्थल पर पहुंचकर वहां दवाइयां, चादर, पानी और पीने के लिए तरल पदार्थ बाटें। इससे पहले की पुलिस व बचाव दल वहां पहुंचे इन्होंने 10 घायलों को बाहर निकाल लिया। लोगों के बदन के जले भाग पर क्रीम लगाई। उनकी टीम का प्रयास था कि पर्वतारोहियों को किसी तरह बचाया जाए।

कुछ घायलों को निकाल कर के पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से इन लोगों को मदुरै के सरकारी अस्पताल में भेजा गया। गौरतलब है कि ट्रैकिंग क्रू में 27 लोग चेन्नई से तो 12 लोग ईरोड, तिरुपुर और कोय बत्तूर से थे। ये लोग 10 मार्च को कुरंगनी से कोलुक्कुमलै ट्रैकिंग के लिए गए थे।

ये लोग कोलुक्कुमलै में एक रात रहे और अगली सुबह लौटने लगे। लंच के बाद ये लोग आगे बढ़ ही रहे थे कि इन्हें अहसास हुआ कि ये लोग जंगल की आग से घिर चुके हैं। पहले दिन दस लोगों को बचाया गया। कोलुक्कुमलै के विभिन्न भागों से नौ शव बरामद किए गए जिनमें से आठ को एयरलि टक्कर तेनी के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। इस दुर्घटना में अब तक 16 पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी। अन्य घायलों का इलाज जारी है।

आग क्यों और कैसे लगी इसके कारणों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अतुल्य मिश्रा को राज्य सरकार ने घटना की जांच की जिम्मेदरी दी है। मिश्रा को इस जांच रिपोर्ट दो माह में राज्य सरकार को देन है।

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