जयललिता की बेटी होने के मामले में हाईकोर्ट ने अपोलो अस्पताल को जारी किया नोटिस
आईएनएन, लखनऊ; @infodeaofficial;
चेन्नई. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत के बाद से तमिलनाडु में कई नए-नए तरह के विवाद सामने आ रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा विवाद पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी होने का है। जयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली एस. अमृता की उप याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी किया है।
अपनी सब पेटीशन में याची ने कहा है कि अपोलो अस्पताल से उन्हें अब तक कोई पूर्व में भेजे गए नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला है कि उसके पास पूर्व मुख्यमंत्री का कोई जैविक नमूना है अथवा नहीं।
जब यह मामला सुनवाई के लिए न्यायाधीश एस. वैद्यानाथन की खंडपीठ के समक्ष आया तो महाधिवक्ता विजय नारायण ने कहा कि अमृता ने जो मुद्दा उठाया है वह ३० साल पुराना है। इस मामले पर अनुसंधान चल रहा है और गत तीन दशकों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इस वजह से उन्होंने अदालत से मोहलत मांगी। उनकी फरियाद को स्वीकारते हुए जज ने मामले की सुनवाई ७ मार्च तक के लिए टाल दी।
अपनी मूल याचिका में अमृता ने खुद को जयललिता की बेटी बताते हुए मांग की थी कि चेन्नई महानगर निगम और मु य सचिव को निर्देश दिए जाएं कि उनको अपनी मां का अंतिम संस्कार वैष्णव अय्यंगार रीति-रिवाज से करने दिया जाए।
इस मामले में जयललिता की भतीजी दीपा और भतीजे दीपक ने कहा कि अमृता ने जो दावा पेश किया वह गलत है।
वहीं इस मामले में एआईएडीएमके पार्टी के कर्नाटक इकाई के सचिव पुगलेंदी और पार्टी सदस्य पीए जोसफ ने याचिका दायर कर खुद को इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग की है और कहा कि अमृता का दावा गलत है।