गौ सुरक्षा के मुद्दे को पीएम मोदी ने दिया अंतरराष्ट्रीय मंच

जया द्विवेदी, आईएनएन/ग्वालीयर, @Infodeaofficial 

गौ तस्करी और मॉब लिंचिंग के मुद्दे लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में सामने आ रहे हैं। इस साल यह मुद्दा संसद के मॉनसून सत्र में भी छाया रहा। पक्ष-विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इसे पर अलग-अलग टिप्णी भी की है। कई तो मॉब लिंचिंक को गौ तस्करी से जोड़ते नजर आए। 
आरएसएस और भाजपा के कुछ प्रमुख नेताओं ने यह भी कह डाला कि यदि गौ हत्या बंद हो जाए तो मॉब लिंचिंग की समस्या स्वतः ही खत्म हो जाएगा।  
लगातार त्रिपुरा, हरयाणा, राजस्थान आदि में एक के बाद एक मॉब लिंचिंग का मामला सामने आता रहा है। न क़ानून इसका कोई हल निकाल सका न ही  सरकार। पक्ष-विपक्ष लगातार इस मुद्दे को एजेंडा बना कर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे। इस विवादित मामले पर त्रिपुरा के पूर्व सीएम मानिक सरकार का ऐसा ब्यान सामने आया कि पक्ष कि जुबान पर ताला लटक गया। मानिक बोले कि लेफ्ट के 25 साल के शासन में ऐसा कोई मामला कभी सामने नहीं आया है। 
यह मुद्दे जोर-शोर से देश में उठाया ही जा रहा था कि 5 दिवसीय 3 अफ्रीकी देशों के दौर पर पीएम मोदी ने कुछ अलग ही कर दिखाया। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी का पहला पड़ाव रवांडा रहा। रवांडा का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं पीएम मोदी। रवेरू मॉडल गांव के दौरे के दौरान उन्होंने ‘गिरिंका’ योजना के तहत 200 गाय तोहफे में दिया है।
दरअसल, ‘गिरिंका’ राष्ट्रपति पॉल कागमे द्वारा शुरू की गई रवांडा की राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा योजना है। पीएम मोदी ने इसी के तहत 200 गाय तोहफे में दे दिए हैं। रवांडा अफ्रीका महाद्वीप में सबसे तेजी से विकसित हो रहा देश है।
जहां एक ओर देश में भाजपा नेता गौ तस्करी का मुद्दा उठाते नजर आ रहे थे तो वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी भी पीछे रहने वालों में कहा थे। पीएम ने भी गौ से जुड़ा मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया है। 200 गाय रवांडा को तोहफे में देकर कहीं पीएम देश में गौ की असुरक्षा का मुद्दा तो नहीं उठा रहे थे?
यदि ऐसा है तो पीएम मोदी मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर कब बोलेंगे! मॉब लिंचिंग इस समय एक राष्ट्रीय बिमारी की तरह है, जो जीका वायरस की तरह जानलेवा है। इसका इलाज न तो डॉक्टरों के पास है न ही बड़े बुद्धजीवियों के पास। इस अपराध की सज़ा से हमारा कानून भी अंजान है।

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