बिहार में पर्यटन एक बड़े उद्योग के रुप में उभर रहा है
आईएनएन/पटना, @Infodeaofficial
बिहार में पर्यटन एक बड़े उद्योग के रुप में उभर रहा है. केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा देने पर बड़े स्तर पर काम कर रही है. राजगीर में रोप वे और ग्लास ब्रिज के बाद जहानाबद के प्रसिद्ध वाणावर के पहाड़ों में घूमने आने वाले पर्यटक भी रोप वे का आनंद ले सकते हैं.
बिहार में कलात्मक, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर दर्शनीय स्थलों की कमी नहीं है. हजारों मील दूर रहने वाले लोग भी यहां खींचें चले आते हैं. सरकार भी पर्यटक स्थलों पर सुविधा के विस्तार के लिए बड़े स्तरों पर काम कर रही है. राजगीर और गया के बाद, जहानाबाद को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ाया जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल, बराबर की गुफा और वाणावर घुमने आने वाले लोगों को अब ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. जल्द ही, यहां रोप वे का निर्माण पूरा हो जाएगा.
वाणावर के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में भक्ति की बड़ी आस्था है. सावन के महीने में यहां काफी भीड़ होती है. पहाड़ी पर जाने के लिए दो रास्ते हैं एक रास्ता पाताल गंगा की तरफ़ से है. यहां से पर्यटक को लगभग छह सौ सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. जबकि, दूसरी तरफ गौ घाट से पथरीला रास्ता है. यहां से बारह सौ मीटर की खड़ी चढ़ाई है. इसे देखते हुए पर्यटन विभाग यहां रोप वे का निर्माण कर रही है.
जब रोपवे शुरू हो जाएगा तो आराम से एक साथ 8 से 10 लोग ट्राली में बैठकर जा सकेंगे. 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से यहां रोपवे का निर्माण दो एलाइनमेंट में किया जाएगा. अभी हथियाबोर की तरफ से काम चल रहा है. हथियाबोर से रोपवे का निर्माण हो रहा है, जिसकी लम्बाई करीब 1200 मीटर है. वहीं, पातालगंगा की ओर से जो रोपवे का निर्माण होगा, उसकी लम्बाई करीब एक किलो मीटर होगी.
बराबर की गुफाएं और वाणावर में पर्यटन के विकास की बड़ी संभावना है. यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट होने के बाद भी यहां काफी कम संख्या में लोग पहुंच पाते हैं. मगर, सरकार की कोशिशों को कारण जल्द ही ये इलाका भी पर्यटकों से गुलजार होगा. इसके साथ ही, बड़ी संख्या में लोगों को भी रोजगार मिलेगा. वाणावर एक वक्त में नक्सलवाद का गढ़ था. हालांकि, आज स्थिति पूरी तरह से बदल गयी है. आज इस क्षेत्र में धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के अलावा एडवेंचर टूरिज्म की भी संभावनाएं हैं. इसके कई पहलुओं पर काम हो रहा है.