जयपुर के पांच सुरम्य स्थानों पर प्रकृति भ्रमण 22 को
संजय जोशी, आईआईएन/जयपुर, @Infodeaofficial
राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आम जनता में प्रकृति संरक्षण के प्रति जनचेतना जागृत करने के उद्देश्य से 22 सितम्बर, रविवार को एक वृहद् कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें जयपुर के चारों ओर पहाड़ों में स्थित हैरिटेज स्थानों के प्राकृतिक भ्रमण का कार्यक्रम होगा।
संस्थान के निदेशक डा. एन.सी.जैन ने बताया कि जयपुर की अरावली पहाडिय़ों में कई सुरम्य स्थान है जहां पर कई वैलीज एवं पहाडिय़ों की शृंखलाएं है और इसमें कई स्थानों पर छोटे-बड़े वाटरफॉल भी है। इसके अलावा कई स्थानों पर ऐतिहासिक धरोहर के रुप में मंदिर, महल, बारादरी, वॉचटावर, शिकारहोदी आदि बने हुए है जो प्रकृति भ्रमण की दृष्टि से अनुपम स्थान है।
रविवार को प्रात: 6 बजे से ऐसे पांच सुरम्य स्थानों पर प्रकृति भ्रमण का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें प्रकृति भ्रमण पांच अलग-अलग स्थानों से प्रारंभ होगा। जैन ने बताया कि प्रथम प्रकृति भ्रमण गैटोर की छतरियों से गढग़णेश, चरण मंदिर, हथिनी कुण्ड क्षेत्र, द्वितीय प्रकृति भ्रमण आमेर के पीछे की पहाडिय़ों में सागर से भूतेश्वर क्षेत्र, तृतीय प्रकृति भ्रमण गलतागेट से सूर्यमंदिर, मधुवन एवं रघुनाथगढ़ क्षेत्र, चतुर्थ प्रकृति भ्रमण जलमहल से जलमहल पाल, मंशामाता व नृसिंह बुर्ज क्षेत्र तथा पंचम प्रकृति भ्रमण पापड के हनुमानजी से मायलाबाग क्षेत्र होगा।
उन्होंने बताया कि इन सभी स्थानों पर अनुभवी ट्रेकर्स प्रकृति भ्रमण में गाईड के रुप में कार्य करेंगे। इस प्रकृति भ्रमण में आम जनता भी भाग ले सकेगी एवं प्रकृति भ्रमण से वापिस आते समय सभी प्रतिभागी प्लास्टिक व अजैविक पदार्थों के रुप में उपलब्ध कचरे को एकत्रित कर वापिस प्रारंभिक स्थानों पर लाएंगे।
जैन ने बताया कि तत्पश्चात् सभी ट्रेक्स से आने वाले लोग जलमहल की पाल पर अंतिम छोर पर एकत्रित होंगे जहां पर प्रतिभागियों में से कुछ को लॉटरी द्वारा चयनित कर पुरस्कृत किया जाएगा।
लगेगी वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक
‘वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट’ पर आधारित एक प्रदर्शनी लगायी जाएगी जिसमें विभिन्न अनुपयोगी सामानों से किस तरह उपयोगी चीजें बनायी जा सकती है एवं कचरे का प्रबंधन किया जा सकता है बताया जाएगा। अलग-अलग प्रकृति संरक्षण के उपाय किए जाने के बारे में प्रदर्शनी में सामग्री रखी जाएगी।
इस दौरान कुछ प्रतिभागियों द्वारा नुक्कड़ नाटक का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रकृति भ्रमण में आने वाले प्रतिभागी फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों के लिए श्लोगन प्रतियोगिता भी रखी जाएगी।
आम जनता को बढ़ते हुए कचरे की समस्या के बारे में जागृत करना
डा. एन.सी.जैन ने बताया कि सारे कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता में बढ़ते हुए कचरे की समस्या के बारे में जागृत करना एवं अनुपयोगी वस्तुओं को पुन: चक्रित करते हुए गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग निष्पादित करने एवं गीले कचरे से अपने घर पर अथवा नजदीक स्थान पर खाद बनाना, प्लास्टिक एवं अजैविक पदार्थों का कम से कम उपयोग करना, इसका पुनर्उपयोग करना आदि के बारे में प्रेरित किया जाएगा। जिससे जयपुर शहर को और स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा सके तथा आम जनता को प्रकृति संरक्षण से जोड़ा जा सके।
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