सांभर झील में विदेशी पक्षियों का आना हुआ शुरू

सांभर झील में पक्षियों की एवियन बोटुलिज्म रोग से पक्षियों की मौतों की संख्या में हो रही है निरंतर कमी

INN/Jaipur, @Infodeaofficial

देशी विदेशी पक्षियों की सैरगाह के लिए प्रसिद्ध सांभर झील में पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। झील में लाखों की संख्या में पक्षी आ चुके हैं। पक्षियों में यहां फ्लेमिंगों, ब्लैक विंग स्टील्ट, सेंड पाइपर, नॉर्दन शावलर, कामन सैंडपाइपर आदि प्रजातियों के पक्षियों का पहुंचना शुरू हो गया है। यहां झील में पक्षियों के झुंड देखे जा रहे हैं। सांभर झील के खारे पानी में ब्लू-ग्रीन एल्गी (नील हरित शैवाल) प्रचुर मात्रा में होता है। जो इन फ्लेमिंगों का पसंदीदा और पौष्टिक आहार होता है।

इसलिए सर्दी की शुरुआत में सुदूर ठंडे प्रदेशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर फ्लेमिंगो राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की सांभर झील में बसेरा करते हैं। सांभर झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों को अपने कैमरे में कैद करने वाले पक्षी प्रेमियों का कहना है कि इस बार सर्दियों में पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा ज्यादा प्रवासी पक्षियों ने सांभर झील का रुख किया है। इस बार अच्छी बारिश के चलते झील में पानी की अच्छी आवक हुई है।

सुबह शांम झील पर यहां दूर दूर तक पक्षियों का कलरव सुना जा सकता है। वही सांभर झील में झील के नावां क्षेत्र में एवियन बोच्यूलिज्म रोग से पक्षियों की मौतों की संख्या में निरंतर कमी देखी जा रही है। वही जिला प्रशासन सहित वन विभाग, विभिन्न संगठनों द्वारा भी सतर्कता बरती जा रही है। सांभर झील अजमेर, डीडवाना-कुचामन और जयपुर जिले की सीमा से मिलती है। ऐसे में सभी जगह जांच की जा रही है, सांभरलेक एसडीएम सुमन चौधरी ने बताया की जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग, वन विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों की करीब 10 टीम झील में काम कर रही है।

एनडीआरएफ भी सहयोग कर रही है। रोग से प्रभावित पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर लाकर उपचार भी किया जा रहा है। झील पर टीमों द्वारा दैनिक मॉनिटरिंग की जा रही है झील पर मृत पक्षियों की संख्या में निरंतर कमी देखी जा रही है। वही झील में लगातार विदेशी पक्षियों का पहुंचना जारी है।

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