पृथ्वी और विज्ञान के लिए खतरा, मानवता के लिए भी खतरा: किरण रिजिजू

Priyanka Jain, INN/Chennai, @Infodeaofficial

केंद्रीय पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि जिन चीजे पृथ्वी और विज्ञान को खतरा है, उनसे मानवता को भी खतरा है। हमें इसे गंभीरता से लेने और इससे निपटने की जरूरत है। वे शनिवार को यहां राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर) के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, भारत महासागर तटीय अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है। दो दिवसीय कार्यशाला से प्राप्त सुझावों और सिफारिशों को गंभीरता से लिया जाएगा और उन पर कार्य शुरू होगा। वैश्विक समुदाय ने अभी समुद्र के अंदर और नीचे सीखना शुरू किया है। अभी एक लंबा रास्ता तय करना है। नीली अर्थव्यवस्था के बड़े योगदान के लिए हमें महासागरीय जीवन को समझने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र चेन्नई ने समाज के महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्यक्रमों को लागू करके तटीय चुनौतियों का समाधान करने में अपनी सेवा के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह कार्यशाला ड्रेसिंग प्रबंधन और तटीय उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और तटीय बाढ़, नई अर्थव्यवस्था, समुद्री प्रदूषण प्रणाली सेवाओं पर केंद्रित थी, जिसमें छोटे बच्चों और तटीय राज्य विभाग के हितधारकों के लिए विचार-मंथन जैसे विशेष सत्र शामिल थे।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल

कार्यशाला में देश के तटीय राज्यों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, मंत्रालयों, शिक्षाविदों और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के हितधारक शामिल हुए जिनमें यूनेस्को-आईओसी फ्रांस, जेएएमएसटीईसी जापान, वियतनाम, नॉर्वे के प्रतिनिधि प्रमुख हैं। इस कार्यक्रम में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन नॉर्वेजियन दूतावास नई दिल्ली से राजनीतिक अनुभाग की प्रमुख बीट गेब्रियलसन काउंसलर और अन्य की उपस्थिति रही।

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