धवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास मरे दस हाथियों की मौत का कारण फंगस

INN/Bhopal, @Infodeaofficial

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास पिछले हफ्ते मरे दस हाथियों की मौत का कारण फंगस- संक्रमित कोदो मिलेट का अधिक सेवन करना था। सोमवार को आई विषविज्ञान रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की, जिससे इन हाथियों की मौत पर देश भर में मचे हड़कंप के बाद इसमें गड़बड़ी की संभावना को खारिज कर दिया गया।

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली द्वारा की गई जांच में 10 हाथियों के अंगों में साइक्लोपियाजोनिक एसिड, जो कुछ प्रकार की फंगस द्वारा उत्पादित एक जहरीला तत्व है, पाया गया।

जांच समिति के प्रमुख और राज्य के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि हाथियों के लीवर, किडनी, प्लीहा, दिल, फेफड़े, पेट और आंतों में इस जहरीले पदार्थ का स्तर 100 पीपीबी (पार्ट्स पर बिलियन) से अधिक पाया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हाथियों ने बड़ी मात्रा में कोदो खाया था।

हाथियों की यह टोली, जो 13 हाथियों का समूह था, 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच उमरिया जिले के इस रिजर्व में मारे गए थे। इस घटना ने पूरे देश में चिंता पैदा की और वन्यजीवों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि हाथियों की दर्दनाक चीखें कई घंटों तक सुनाई दीं, परंतु वन अधिकारी समय पर उनकी देखभाल नहीं कर सके। अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज किया।

विशेषज्ञों ने बताया कि हाथियों को नुकसान तभी हो सकता था जब उन्होंने बड़ी मात्रा में संक्रमित कोदो का सेवन किया हो। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे दुर्लभ मामलों में कोदो मिलेट में फंगस संक्रमण के कारण जहर बन सकता है।

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