कोयंबेडु मार्केट की सफाई भगवान भरोसे

बी. डी. मंडल, आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial

सात महीने बीत जाने के बाद भी कोयम्बेडू होलसेल मार्केट की सफाई के प्रति न तो सीएमडीए प्रशासन ने अपनी स्फुर्ति दिखाई न ही ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने कोई रुची दिखाई है। गौरतलब है की  पिछले साल दिसंबर में जब राज्य के उपमुख्यमंत्री और सीएमडीए अध्यक्ष ओ.पन्नीरसेल्वम ने कोयम्बेडू होलसेल मार्केट की मुआयना किया था।

उस दौरान उन्होंने पाया था  कि कोयम्बेडू फल,फूल और सब्जी मार्केट की साफ सफाई मानवीय स्वास्थ्य के अनुकुल नहीं है।  बतौर सीएमडीए अध्यक्ष उन्होंने अधिकारियों समेत मार्केट प्रशासन को आदेश दिया था कि  महीने के अंतिम रविवार, मार्केट को एक दिन बंद रखें, ताकि फल,फुल और सब्जी मंडियों  की अंदरुनी और बाहरी हिस्सों का मुक़म्मल सफाई हो पाए।

हलाकि उस समय यह उमीद की जा रही थी कि  ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन और सीएमडीए समेत  मार्केट प्रशासन उपमुख्यमंत्री के आदेश को संज्ञान में लेते हुए कोयम्बेडू होलसेल मार्केट को एक दिन का  अवकाश दे मार्केट की मुक़म्मल सफाई  शुरु करेंगे। लेकिन विगत सात महीने में कोयम्बेडू होलसेल मार्केट की सफाई अभी भी उसी हालात में जैसा सात महीने पहले था।

कोयम्बेडू फल, फूल और सब्जी मंडियों में ही सब्जी मंडी का सबसे बुरा हाल है। सब्जी मंडी के अंदरुनी हिस्से के सभी गलीयो में कचरा,सड़े-गले सब्जियों का अपशिष्ट पड़ा रहता है। जिनके ऊपर से ग्राहकों का चलना उसकी लाचारी है। वहीँ आवारा पशुओं का जमावड़ा आमजनों के लिए कष्टकारी का सबब बन बैठा है। स्वछता राज्य के लिए बुनियादी सवाल है।  जवाबदेही तो तय करनी होगी ।   

होलसेल मार्केट में कुल 3100 स्टॉलें है। इन सभी स्टॉलों के मालिक अपनी स्टॉल  में उत्पन्न हो रहे कचरा सामने ही डालते हैं, जिनके कारण आमजनों को आवाजाही करने में काफी परेशानी होती है। कई बार तो खरीददार इस कचरे के ढ़ेर पर चलते हुये फिसलकर गिर भी जाया करते हैं।जरा कल्पना कीजिये की किसी सीनियर सिटीजन के साथ ऐसा घटना हुआ और वो 70 वर्ष के उम्र में एक पैर से लाचार हो गए ,फिर तो भगवान ही मालिक है !

प्रतिदिन पैदा होता 150 टन कचरा

बता दें कि कोयंबेडु मार्केट में प्रतिदिन 14 हजार से भी अधिक लोरिया ,फल फूल और सब्जियां लेकर होलसेल मार्केट में उतरती है। जिनसे प्रतिदिन 150 टन कचरा पैदा होता है। इस तरह मंडी में एक दिन भी सफाई नहीं होने के स्थित में मंडी के अंदरुनी हिस्सो में कचरो का अंबार लग जाता है। जिनसे आमजनों पर कई खतरनाक बीमारियों का खतरा बना रहता है।

जन संवाद …

मंडी का काम दोपहर दो बजे के बाद लगभग बंद हो जाता है। इसके बाद यहाँ सफाई का काम सुरु किया जा सकता है अगर महानगर निगम इसके लिए सजग हो तो उनके लिए ये काम कठिन नहीं होना चाहिए बाजार को एक दिन बंद रखने से व्यापारियों का ही नुक्सान होगा, इसलिए उन्हें दूसरे और आसान विकलप पर ध्यान देने की जरुरत है

एस चंद्रन, अध्यक्ष, कोयम्बेडू होलसेल मार्केट

मंडी में शौचालय बस नाम मात्रा याने के दिखावे के लिए हैदर्जनों शौचालय होने के बावजूद इनमे सफाई नहीं है। शौचालय के अंदरुनी और बाहरी हिस्से में भी गंदगी का जमाबड़ा  है।

बी. सुरेश, फुटकर सब्जी विक्रेता, पेरंगूड़ी

प्रतिदिन लगभग 20 करोड की व्यवसाय होने के वाबजूद कोयंबेडु होलसेल मार्केट में साफ सफाई के प्रति सरकार की उदासीनता चिंताजनक है। ऐसे में यह प्रधान मंत्री के स्वच्छ भारत अभियान पर सवालिया निसान खड़ा करता है

आर सौंदर्यराज, पूर्व सलाहकार

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