श्रेया जैन, आईएनएन/चेन्नई, @shreyaj44299583
मन और आत्मा को शांत करने के लिए संगीत से बेहतर साधन कोई नहीं है। जो व्यक्ति रोजाना संगीत का रिआज या सूनता है उनका मन और चित दोनों शांत रहता है।
श्री शंकरलाल सुंदरबाई शासून जैन महिला कॉलेज में गुरुवार को आयोजित अंतर स्कूल सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘शसून श्रुति 18’ कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कृष्णंजली अकादमी के कला निदेशक वी. बालगुरुनाथन ने कहा कि संगीत से बेहतर और कोई दवा नहीं जो मन और आत्मा दोनों को शांति प्रदान करे।
आज की भाग दौर की जिंदगी में मन की शांति पाने के लिए इससे बेहतर और कोई उपाय नहीं है।
शहरभर के 14 स्कूल और डांस अकादमी से विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर कॉलेज की प्रिंसिपल डा. बी. पूर्णा ने कहा कि हम अपने कॉलेज में विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के अलावा अन्य प्रकार के गतीविधियों में हिस्सा लेने और उसमें उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
यही कारण है कि कॉलेज की छात्राओं ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर संस्थान का नाम रौशन किया है। इस मौके पर कॉलेज के शिक्षिक और कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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