श्रेया जैन, आईएनएन/चेन्नई, @shreyaj44299583
भारतीय नृत्य कला से विदेशों में काफी लोग प्रभावित हो रहे हैं जिसका असर आपकों उनके फ्यूजन डांस में देखने को मिलेगा। श्री शंकरलाल सुंदरबाई शासुन जैन महिला कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस और शासुन संस्कार द्वारा आयोजित कल्चर स्टडीज पर लेक्चर सीरीज के दौरान अमरीका के वेस्र्टन वाशिंगटन युनिवर्सिटि की एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ डांस पेनी हचिनसन ने कहा कि अमरीका समेत अन्य कई देशों में भारतीय शासत्रीय, कत्थक नृत्य से प्रभावित कई डांस फ्यूजन का उदाहरण देखने को मिलेगा।
80-90 के दशक में कई ऐसे कलाकार थे जो भारत आए और यहां के शास्त्रीय संगीत और नृत्य से प्रभावित हुए। उन्होंने ही इस कला का विस्तार भारत से जाने के बाद अपने देशों में किया। हचिनसन विदेश में भारतीय शासत्रीय नृत्य में रुचि और प्रभाव पर व्याख्यान दे रहीं थी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति, परिधान, नृत्य संगीत से पूरा विश्व किसी न किसी रूप में प्रभावित है। मौजूदा समय में सबसे ज्यादा प्रचलन इनके फ्यूजन का है।
शासुन शक्ति के साथ मिलकर सेंटर ऑफ एक्सिलेंस ने नृत्य योग सूत्र पर दो दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया। यह कार्यशाला महाराष्ट्र के नासिक के थेरापेटिक डांस नृत्य योग सूत्र के संस्थापक निदेशक डा. संगीता पेठकर द्वारा आयोजित किया गया।
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की निदेशक राजश्री वासुवेदन ने कहा कि इस कार्यशाला में लगभग १०० विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस वर्कशॉप के बाद विद्यार्थियों ने अपने फिडबैक में कहा कि वर्कशॉप के बाद उनका कांफिडेंस लवल बढ़ा है। इस मौके पर कॉलेज की प्रिंसिपल डा. बी. पूर्णा, डा. रिचा लोढ़ा व कई अन्य लोग शामिल थे।
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