नई चेतना 3.0: पहल बदलाव के तीसरे संस्करण की हुई शुरुआत

नई दिल्ली के रंग भवन ऑडिटोरियम, आल इंडिया रेडियो में नई चेतना 3.0: पहल बदलाव के तीसरे संस्करण की शुरुआत हुई। ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने “नई चेतना – पहल बदलाव की” के तीसरे संस्करण की शुरुआत की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी भी उपस्थित रहीं। यह अभियान लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने की दिशा में सरकार के संयुक्त प्रयास का प्रतीक है।

“नई चेतना 3.0”, दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) द्वारा आयोजित एक महीने का अभियान है, जो 23 दिसंबर 2024 तक भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा। यह पहल स्व-सहायता समूहों (SHG) के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से जन आंदोलन की भावना को सशक्त बनाने का काम करेगी।

इस अभियान को “सम्पूर्ण सरकार” दृष्टिकोण के तहत 9 मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इनमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पंचायत राज मंत्रालय, और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय शामिल हैं।इसका उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाना, समुदायों को हिंसा के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करना, और समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणाली तक पहुंच प्रदान करना है।

“नई चेतना” अभियान ने पहले ही देशभर में लाखों लोगों को जागरूक किया है। इसके पिछले संस्करणों में 3.5 करोड़ और 5.5 करोड़ लोगों तक पहुंच बनाई गई और 9 लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

इस बार, “नई चेतना 3.0” के तहत, लिंग आधारित हिंसा के सभी रूपों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों और संस्थाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया जाएगा। इस अभियान का नारा, “एक साथ, एक आवाज, हिंसा के खिलाफ”, सामूहिक क्रियावली और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता को व्यक्त करता है।

इस अवसर पर केंद्रीयमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ़ पिछले दस सालों में बल्कि जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कार्य कर रहे है मेरे लिये ये सिर्फ़ एक कार्यक्रम नही है मेरे लिये बेटियों की सुरक्षा बहुत मायने रखती है । प्रधानमंत्री जी के नेतृत्रव में हम सभी मंत्री जो आज यहाँ उपस्थित है वो बैठकर विचार करेंगे कि इस अभियान को हम और प्रचलित कैसे कर सकते है।

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