रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
तमिलनाडु में जिस तरह से कोरोंना पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे राज्य सरकार की परेशानी बढ़ती जा रही है। कोरोंना के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण रखने के लिए राज्य सरकार ने लॉक डाउन तो किया है लेकिन इसके साथ अन्य तैयारियां भी कर रही है जिससे कि इन बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाया जा सके।
इसी क्रम में तमिलनाडु सरकार नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन की तमिलनाडु कारपोरेशन डेवलपमेंट फॉर वूमेन के साथ मिलकर प्रीवेंटिव उपायों पर काम कर रही है।
इसके तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप जिसमें महिलाएं काम करती हैं उनके साथ मिलकर के चेन्नई महानगर निगम मास्क और सैनिटाइजर बनाने का काम कर रही है। गौरतलब है कि चेन्नई में करीबन 100 से ज्यादा ऐसे ग्रुप हैं जो इस परियोजना में काम कर रहे हैं।
चेन्नई जिले की नोडल ऑफिसर वसंती कुमरेशन का कहना है कि तमिलनाडु में प्लास्टिक बैन होने के बाद से इन सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद से पहले कपड़े के बैग यार किए जाते थे।
लेकिन जब से तमिलनाडु में कोरना का प्रकोप छाया है तब से हम लोग मास्क और सैनिटाइजर तैयार करने के काम में जुट गए हैं।
इन तैयार मास्को सैनिटाइजर को गरीब तबके के लोगों तक सरकार की मदद से पहुंचाया जाता है। इसके अलावा हम इन मास्को सैनिटाइजर को निजी संस्थानों को भी बेचते हैं।
इन महिलाओं की मदद से रोजाना करीब 50 हजार मास्क तैयार किए जाते हैं और दो सौ लिटर सैनिटाइजेशन तैयार किया जाता है। नेशनल अर्बन लिमिटेड मिशन के तहत तमिलनाडु में इस कार्य की शुरुआत सबसे पहले की गई, जिसके बाद अन्य राज्य इसका अनुकरण कर रहे हैं।
यही नहीं हमारे संगठन से जुड़ी महिलाओं का ग्रुप कंटेनमेंट प्लांट पर भी काम कर रहा है, जिसके तहत हम घर घर जाकर के कोरोना मामले की जांच कर रहे हैं। इस कार्य में हमारी लगभग 5 हजार महिलाएं लगी हुई है।
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