रीतेश रंजन, आईआईएन/चेन्नई, @Royret
इनफोडिया ने हाल ही में पेरंबूर में फसे 30 मजदूरों की खबर चलाई थी की यहाँ लॉक डाउन के बाद से इनलोगों के पास खाने की समस्या हो रही थी। इन के पास जो खाने पिने का सामान था वह ख़तम हो गया था। बीते कुछ दिनों से ये लोग भूखे रहने को विवश थे।
इस खबर को पढ़ने के बाद यहाँ रहने वाले कुछ उत्तर भारतीय इनकी मदद के लिए आगे आये है।
पेरुम्बुर जैन संघ के अजित लोढ़ा ने त्वरित कार्यवाही करते हुए इन फसे प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया करने का बीड़ा उठाया।
उन्होंने बताया की लॉक डाउन के शुरुआती दिन से ही वह ऐसे लोगों की मदद में लगे हुए है। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया की वह ऐसे फसे लोगों के बारे में उन्हें जानकारी दे, यह केवल चेन्नई ही नहीं बल्कि राज्य भर में ऐसे फसे मजदूरों के बारे में जानकारी दे।
देश भर में लॉक डाउन लागु होने के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न राज्य से काम करने आये दिहाड़ी मजदुर भी जहा थे वही फस गए। इस लॉक डाउन की वजह से उनका काम भी बंद हो गया और उनके पास खाने पिने की समस्या आने लगी।
चेन्नई के पेरंबूर इलाके में भी मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से काम करने आये करीब 30 मजदुर भी इस लॉक डाउन का शिकार हो गए। वह जैन संघ की मदद से वैसे लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
पेरंबूर में फसे मजदूरों ने बताया था की लॉक डाउन के बाद दो चार दिनों तक इनके पास जो पैसे थे उससे काम चला लेकिन उसके बाद इनके पैसे भी खतम हो गए।
इन लोगों ने अपने मालिक से कुछ इंतज़ाम करने को कहा तो उन्होंने राज्य सर्कार का हेल्पलाइन नंबर देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। हेल्प लाइन नंबर से भी इन लोगों को कोई सुविधा नहीं मिली और वो भूखे मरने को विवश है।
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