आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय सेना के बहादुर जवानों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए डीजीएमएस (सेना) के तत्वावधान में भारतीय सेना चिकित्सा कोर ने सेना चिकित्सा कोर मोटर साइकिल अभियान के साथ-साथ 55वें एएमसी द्विवार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया।
दल ने 1505 किलोमीटर की दूरी तय की और उसने लद्दाख क्षेत्र के कठिन और जोखिम भरे क्षेत्र में दुनिया के सबसे ऊंचे 8 दर्रों में चढ़ाई की।अपने अस्तित्व में आने के बाद से सेना चिकित्सा कोर ऑपरेशनों में भाग ले रहा है और कठिन स्थानों पर तैनात हमारे बहादुर जवानों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है।
चाहे वह सियाचिन ग्लेशियर में दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान हो, राजस्थान का कठिन रेगिस्तान हो अथवा पूर्वोत्तर के घने जंगल हों, कोर के चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा सहायकों ने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना कार्यों सहित देश-विदेश में विभिन्न अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया है, और जीवन रक्षक के रूप में अपनी उत्कृष्ट भूमिका का प्रदर्शन किया है।
इस अभियान को 31 अगस्त, 2019 को लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी, जीओसी फायर एंड फ्यूरी कोर द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह दल दुनिया के आठ सबसे ऊंचे दर्रों, खारदुंग ला (5359 मी./17582 फुट ), ससेर ला (5411 मी./17753 फुट), वारी ला (5312 मी./17428 फुट), चांग ला (5360 मीटर/ 17586 फुट), मार्सिमेक ला (5582 मीटर / 18314 फुट), काकसांग ला (5438 मीटर/17841 फुट), फोटी ला (5524 मीटर/18124 फुट) और टैगलांग ला (5328 मीटर/17480 फुट) से ऊंचाई के क्रम में गुजरा।
शक्तिशाली काराकोरम, कैलाश और लद्दाख पर्वतमालाओं पर विजय हासिल करने की अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए दल ने सियाचिन बेस कैंप पर जाकर भारतीय सेना के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना चिकित्सा कोर के 8 सदस्यीय अभियान दल का नेतृत्व कारगिल युद्ध में टीम लीडर, एसएम, एक पर्वतारोही और शौर्य पुरस्कार विजेता कर्नल राजेश डब्ल्यू अधौ ने टीम के उप लीडर कर्नल सौरभ भारद्वाज के साथ किया । टीम के सदस्य थे: मेजर महेश महतो, मेजर शशिकांत, कैप्टन करणवीर सिद्धू, हवलदार विनायक धामले, लांस नायक पिंटो डैश, लांस नायक डीके सिंह।
अभियान का झंडा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक पीवीएसएम, वीएसएम, पीएचएस लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी की मौजूदगी में आर आर अस्पताल के आयुर्विज्ञान ऑडिटोरियम में पीएचएस, डीजीएमएस (सेना) तथा मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी को सौंपा जाएगा। इस अनूठे प्रयास से भारतीय सेना के सभी रैंकों के बीच न केवल ‘दल भावना’ और रोमांच की भावना पैदा होगी बल्कि सेना चिकित्सा कोर के योद्धाओं के कठोर और मजबूत चेहरे भी देखने को मिलेंगे।
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