विष्णु शर्मा, आईआईएन/चेन्नई, @svs037
डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने बुधवार को राज्य सरकार के उस निर्णय की निंदा की जिसमें सरकार ने वर्ष 2019 में आर.के. नगर विधानसभा सीट के उपचुनाव में मतदाताओं में रिश्वत बांटने के मामले में दर्ज शिकायत को खत्म करने के खिलाफ अपील नहीं करने का निर्णय लिया है।
साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह हस्तक्षेप कर मामले को सीबीआई को सौंपे। स्टालिन ने कहा तत्कालीन जिला चुनाव अधिकारी डी. कार्तिकेयन ने प्राथमिकी खत्म करने को लेकर एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ अपील करने से इंकार कर दिया था। यह मामला मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट की पीठ के समक्ष फिर से आया है।
यह मामला वर्ष 2017 में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर के आवास पर आयकर छापेमारी के दौरान प्राप्त हुए दस्तावेजों से संबंध रखता है। जब्त हुए दस्तावेजों में मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी समेत एआईएडीएमके के अन्य मंत्रियों के बारे में आरके नगर के मतदाताओं में रिश्वत देने के मामले का विवरण है।
हालांकि राज्य सरकार ने मामला दर्ज कराने की इच्छा नहीं जताई थी, लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बिना किसी का नाम लिए मामला दर्ज हुआ था। स्टालिन ने सरकार का समर्थन करने को लेकर चेन्नई कार्पोरेशन के पूर्व आयुक्त की भी निंदा की।
उन्होंने कहा चुनाव आयोग को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मामले को सीबीआई को सौंपना चाहिए।
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