भारत की स्वास्थ्य राजधानी बन रहा है चेन्नई: विजय भास्कर

आईएनएन,चेन्नई@Infodeaofficial;                                                                                                                                                      मिलनाडु में स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा महत्व दी जाती है यही कारण है कि प्रदेश देश के लिए स्वास्थ्य राजधानी बनकर उभर रहा है। महानगर में रविवार को डा. अग्रवाल आई हास्पिटल द्वारा आयोजित ८वें अंतरराष्ट्रिय रेटिनल कांग्रेस में हिस्सा लेते हुए तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री विजय भास्कर ने कहा कि हम राज्य में ऐसे प्रयास कर रहे है जिससे स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में राज्य अग्रणीं और ट्रेंड सेंटर हैं। हर साल सबसे अधिक संख्या में मेडिकल प्रोफेशनल भारत में तैय्यार होते हैं। लेकिन इसके बावजूद कई मामलों में गरीब व कमजोर वर्ग के लोग इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं। इन सुविधाओं का लाभ आमजन मानस तक पहुंचाने के लिए यह जरूरी है कि स्वास्थ्य सुविधा के लिए सरकारी और निजी संस्थान एक साथ आएं। भारत में और भारतीयों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो नई तकनीक और विद्या की ईजात की है उसे विदेशों में प्रमुखता दी जाती है। उन्होंने कहा कि आज के समय की मांग के अनुसार यह जरूरी है कि हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराई जाय। तमिलनाडु इस मामले में अन्य राज्यों से काफी आगे है। पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता द्वारा कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अम्मा का सपना था कि वह तमिलनाडु का विकास ऐसे प्रदेश के रूप में करे जहां विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो। आज हम उसी दौर में जी रहे हैं। काफी संख्या में विदेशों से लोग यहां ईलाज के लिए आते है जिसका प्रमुख कारण यहां बेहतर व सस्ती स्वास्थ्य सुविधा का उपलब्ध होना है।

इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु में आंखों के विकार से निबटने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर वर्ष 1976 से काम कर रहे हैं पर अबतक हम इसपर पूर्ण रूप से काबु पाने में असफल रहे हैं। तमिलनाडु में नेत्रहिनता की घटना 1.4 प्रतिशत है राज्य सरकार जीसे वर्ष 2020 तक 0.3 प्रतिशत पर लाना है। समय से पहले पैदा हुए बच्चों में आमतौर पर यह ज्यादा प्रभावित करता है। यह तमिलनाडु के लिए बड़ी चुनौती है। इस नेत्रहीनता को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। अभी भी हमारे सामने कई चुनौतियां है जिसपर काबु पाने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत है। ऐसे आयोजनों से लोगों को मौका मिलता है कि वह देश-विदेश में इस क्षेत्र में हुए नए ईजात व तकनीक के बारे में जागरुक रहे। हमें एसे आयोजनों का जमकर फायदा उठाना चाहिए। अग्रवाल ग्रुप ऑफ आई हास्पिटल के चेयरमैन डा. अमर अग्रवाल ने बताया कि हमारे देश में कार्टिएक्ट, डायबिटिज की वजह से काफी लोगों की आंखों में विकार पैदा होने का प्रमुख कारण है। हमें लोगों को इन विकार व इनसे बचने के तरीकों के बारे मेें जागरुक करने की ज्यादा जरूरत है। इस मौके पर इंवर्टेड फ्लैप ऑफ आईएलएम फॉर माकुलर होल सर्जरी के खोजकर्ता जेरजी नवरोकी समेत कई लोग मौजूद थे। इस सम्मेलन में देश-विदेश से 1400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।

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