राज्य के अस्पतालों में वेंटिलेटर तो हैं लेकिन आपरेटर नहीं
Ritesh Ranjan, INN+Bihar, @royret
-कई जिला प्रशासन ने लोगों से की अपील जो जानते हैं आपरेटर करना वे मानवहित में आगे आएं
– राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा डॉक्टर के पद खाली
-कई अस्पतालों में वेंटिलेटर खराब
कोरोना महामारी ने देश के लगभग सभी राज्यों की हालत खराब कर रखी है। लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही, जगह मिल भी जाती है तो ऑक्सीजन और वेंटिलेटर नहीं। दवाइयों की किल्लत और कालाबाजारी सरकार और आमजन दोनों को परेशान कर रखा है।
बिहार में यहां कई अस्पताल ऐसे है जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इन सुविधाओं का अभाव आज हुआ है ऐसी बात नहीं है यह लचर व्यवस्था दशकों से चली आ रही है जो आज अस्पताल प्रबंधन और सरकार के लिए सिर दर्द बन गया है। राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा डॉक्टर के पद खाली है जिसकी संख्या लगभग 46 हजार है। यही नहीं राज्य के अस्पतालों में तकनीकी कर्मचारियों और सहायकों की भी काफी कमी है।
राज्य के अस्पताल जहां एक तरफ जहां वेंटीलेटर की कमी से जूझ रहे हैं तो वही इन वेंटीलेटर को ऑपरेट करने वाले ऑपरेटर की भी संख्या ना के बराबर है। बिहार में कई ऐसे जिला अस्पताल हैं जहां वेंटिलेटर नहीं है और जहां वेंटिलेटर है तो वो ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। वही कुछ ऐसे सदर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज है जहां वेंटिलेटर की व्यवस्था तो है पर इसे ऑपरेट करने के लिए ऑपरेटर नहीं है।
जमुई के जिला अस्पताल में 4 वेंटिलेटर मशीन है लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए एक भी टेक्नीशियन नहीं है। टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डाक्टर चलाते हैं वेंटिलेटर
वही भागलपुर के सदर अस्पताल की भी हालत कुछ ठीक नहीं है। सदर अस्पताल में करीब 6 वेंटिलेटर हैं लेकिन इसे ऑपरेट करने के लिए एक भी ऑपरेटर नहीं है। अस्पताल के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि जब भी यहां वैसे पेशेंट आते हैं तो डॉक्टरों को ही वेंटिलेटर ऑपरेट करना पड़ता है। हमने इस संबंध में बड़े अधिकारियों को अवगत करा दिया है और यह अनुशंसा भी की है कि हमारे मौजूदा कर्मचारियों में से ही कुछ को वेंटिलेटर ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी जाए।
वेंटिलेटर चलाने के लिए एनेस्थेटिशियन की मदद
भागलपुर के जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ असीम दास का कहना है कि हमारे यहां के अस्पताल में करीब 39 वेंटिलेटर हैं लेकिन इन वेंटीलेटर को ऑपरेट करने के लिए कोई भी ऑपरेटर नहीं है। हम वेंटिलेटर ऑपरेट करने के लिए एनेस्थेटिक की मदद लेते हैं। जिले के कई अस्पतालों में तो एनेस्थेटिक भी नहीं है। हमने इस संबंध में अपने बड़े अधिकारियों से आग्रह किया है कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए इसकी जल्द व्यवस्था की जाए। लेकिन तब तक लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए हमने खुद ही अपने कुछ कर्मचारियों को वेंटिलेटर ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी है।
भोजपुर जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जो कोई भी वेंटीलेटर ऑपरेट करना जानता हो वो मानव हित में आगे आकर सहयोग करे। दरअसल बिहार के जिला अस्पतालों में वेंटीलेटर्स तो मौजूद हैं, लेकिन उसे चलाने वाले टेक्नीशियन नहीं हैं।
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