आधुनिक सुरक्षा माहौल में सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक – उपराष्ट्रपति

आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सीधे नियुक्‍त अधिकारियों 50वें बैच के दीक्षांत समारोह के अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधितकरते हुए भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि – “आज कल के सुरक्षा माहौल में, सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीकका ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक पर आधारित निगरानी, सुरक्षा उपकरण औरशस्त्र उपलब्ध कराये जाने चाहिए तथा उसके लिए सतत प्रशिक्षण होना चाहिए।” सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर बल देते हुएउपराष्ट्रपति ने कहा कि “सरकार ने केन्द्रीय बलों के आधुनिकीकरण के लिए आबंटन बढ़ाया है। आप इस आबंटन का कारगर उपयोगकरें और अपने अधिकारियों जवानों को नयी तकनीक उपलब्ध करायें उसमें प्रशिक्षित करें।”

प्रशिक्षु अधिकारियों को 1971 के भारत-पाक युद्ध का स्मरण कराते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि “देश के इतिहास में 16 दिसंबर एकमहत्वपूर्ण तिथि है। आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तानी सेनाओं ने भारतीय सेना की वीरता के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। आजआप भी राष्ट्र निष्ठा और कर्तव्यनिष्ठा की उसी गौरवशाली परंपरा में सम्मिलित हो रहे हैं।”

देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि “देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाएरखने में सीआरपीएफ का योगदान सर्वविदित है। वे सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मी ही थे जिन्होंने आतंकवादियों को मार कर संसद भवनऔर सांसदों की रक्षा की।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्‍वतंत्रता के पश्‍चात् देश के एकीकरण से लेकर उत्तर पूर्व के अलगाववाद औरपंजाब के उग्रवाद को समाप्‍त करने में सीआरपीएफ ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीआरपीएफ ने जम्‍मू कश्‍मीर मेंआतंकवाद तथा नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति बनाए रखने में तथा आम नागरिकों और युवाओं के साथशांति और सौहार्द स्‍थापित करने में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है।

हाल के वर्षों में सीआरपीएफ से अधिकारियों तथा सुरक्षा कर्मियों द्वारा स्वत: सेवा निवृत्ति या त्यागपत्र पर चिंता व्यक्त करते हुएउपराष्ट्रपति ने कहा कि “बल के शीर्षस्थ नेतृत्व को इस विषय पर गंभीर चिंतन करना चाहिए। मैं आशा करूंगा कि सरकार बल मेंपदोन्नति के अवसर बढ़ाने पर विचार करेगी और रिक्त स्थानों को शीघ्र भरने का प्रयास करेगी।”

दुर्गम स्थानों पर तैनात सुरक्षाबलों की स्थिति सुधारने की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि “मैं यह भी अपेक्षाकरूंगा कि सरकार और बल का शीर्ष नेतृत्व दुरूह, दुर्गम स्थानों पर तैनात हमारे सुरक्षा कर्मियों के लिए सुविधाओं में सतत सुधार करे।आवश्यक हो तो इसके लिए डीआरडीओ जैसे रक्षा शोध संस्थानों से सहायता लें। बल का नेतृत्व, हमारे सुरक्षा कर्मियों के परिजनों कीशिक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं के लिए विशेष प्रयास करे।”

उपराष्ट्रपति ने सीआरपीएफ में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की प्रशंसा करते हुए दीक्षांत परेड में भाग लेने वाली 4 महिला अधिकारियोंको विशेष बधाई दी।

उपराष्ट्रपति के भाषण का पाठ निम्नलिखित है:

“सर्वप्रथम, 50वें बैच के सीधे नियुक्‍त अधिकारियों को उनकी उत्‍कृष्‍ट वेशभूषा और चुस्त परेड के लिए मैं बधाई देता हूं। मैंआपकी इस दीक्षांत परेड पर आपके भावी कैरियर के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। मैं प्रशिक्षु अधिकारियों केउपस्थित अभिभावकों को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आपके सुसंस्कार और राष्ट्र सेवा और कर्तव्यनिष्ठा की सीआरपीएफकी शपथ, इन नवयुवकों को भावी जीवन में भी मार्गदर्शन करेंगी।

2.    मित्रों, देश के इतिहास में 16 दिसंबर एक महत्वपूर्ण तिथि है। आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तानी सेनाओं ने भारतीय सेनाकी वीरता के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। आज आप भी राष्ट्र निष्ठा और कर्तव्यनिष्ठा की उसी गौरवशाली परंपरा मेंसम्मिलित हो रहे हैं।

  1. 50 सप्‍ताह के कठिन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आपने यह गौरवशाली क्षण अर्जित किया है। स्‍वयं कोमातृभूमि की सेवा और देश एवं जनता की सुरक्षा का व्रत लिया है। आज आपने देश के प्रति निष्ठा, समर्पण, प्रतिबद्धता औरबलिदान की नयी यात्रा प्रारंभ की है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के आदर्श वाक्य “सेवा और निष्ठा” न सिर्फ आपकी पवित्र वर्दी परअंकित होगा बल्कि आपकी अंत:चेतना पर भी अंकित रहेगा।

  1. सीआरपीएफ अपनी प्रकार का दुनिया का सबसे बड़ा सशस्‍त्र पुलिस बल है जिसने राष्‍ट्र की एकता और अखंडता को सुरक्षितरखने में मुख्‍य भूमिका अदा की है। इस बल का एक गौरवशाली अतीत, सराहनीय वर्तमान और आशा और सेवा से भरा भविष्‍यहै। आपके बल का इतिहास बहादुरी की असंख्‍य गाथाओं से समृद्ध है। आपको स्वयं को इस महान विरासत का उत्तराधिकारी सिद्धकरना है।

  1. देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में सीआरपीएफ का योगदान सर्वविदित है। विगत 13 दिसंबर को हमने 2001 में संसदपरिसर पर हुए हमले में सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मियों की वीरता को प्रणाम किया। वे सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मी ही थे जिन्होंनेआतंकवादियों को मार कर संसद भवन और सांसदों की रक्षा की।

  1. स्‍वतंत्रता के पश्‍चात् देश के एकीकरण से लेकर उत्तर पूर्व के अलगाववाद और पंजाब के उग्रवाद को समाप्‍त करने मेंसीआरपीएफ ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीआरपीएफ ने जम्‍मू कश्‍मीर में आतंकवाद के खिलाफ़ कानून व्‍यवस्‍थाकी स्थिति बनाए रखने तथा जम्‍मू कश्‍मीर में आम नागरिकों और युवाओं के साथ शांति और सौहार्द स्‍थापित करने में अपनामहत्‍वपूर्ण योगदान दिया है।

  1. देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए नक्‍सलवाद एक गंभीर समस्‍या है। नक्‍सल समस्‍या से निपटने के लिए इस बल का बड़ा भागनक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात है। राज्य सरकारों की मदद से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चला रहा है। मुझे ज्ञात हुआ हैकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को बल में अवसर दिये जा रहे हैं। इससे नक्सल विरोधी अभियान में स्थानीय समुदाय औरयुवाओं का सहयोग मिल सकेगा। साथ ही इन इलाकों में तीव्र विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

  1. देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ साथ सीआरपीएफ ने अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति सेना के तौर पर कोसोवो औरलाइबेरिया में शांति स्‍थापना में अपना योगदान दिया है।

  1. इस बल का एक सराहनीय मानवीय चेहरा है। मुझे नागरिकों की सहायता के लिए आपके सिविक एक्शन प्रोग्राम के विषय में ज्ञातहुआ है। नागरिकों के बीच पुलिस बल के कार्यों की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए यह एक उत्तम प्रोग्राम है। राष्‍ट्र के विभिन्‍न हिस्‍सोंमें सीआरपीएफ को जहां भी तैनात किया गया है, इसने सामान्‍य जनमानस का भरोसा और विश्‍वास जीता है।

10. मित्रों, भविष्य में भी आपको दुरूह परिस्थितियों और दुर्गम स्थानों पर कार्य करना पड़ सकता है। एक नायक के रूप में आपकोहर स्थिति में दी गई जिम्‍मेदारियों को निभाना होगा। कुशल संचालन हेतु अपनी पेशेवर क्षमता को बढ़ाना होगा। अपना औरअपने साथियों का मनोबल बढ़ाना होगा। आपको अधीनस्थ सहयोगियों की समस्याओं को सुनना और सुलझाना होगा। याद रखेंकि आपके साथी जवान आपका अनुसरण करेंगे। आपका प्रशिक्षण आपको भावी चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करने मेंसहायक होगा।

11. हाल के वर्षों में साइबर टेक्‍नोलॉजी ने देश और क्षेत्र की सीमाओं को तोड़ा है। लेकिन साइबर टेक्‍नोलॉजी ने संगठित अपराधको नये आयाम भी दिये हैं। देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां खड़ी हुई हैं। आंतरिक नक्सलवाद और सीमापारआतंकी गिरोहों के बीच गहरे संबंध हैं। हवाला आदि माध्यमों से इन गुटों को धन उपलब्ध कराया जाता रहा है। ये गिरोह आर्थिकअपराधों में भी लिप्त पाये गये हैं।

12. कहा गया है “नास्ति विद्या समं चक्षु:, नास्ति सत्‍य समं तप:’’ – ज्ञान से बड़ी कोई दृष्टि नहीं है और सत्य से बड़ा कोई तपनहीं। अत: जरूरी है कि आप तकनीक की नई चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता विकसित करें। मुझे आशा है कि इन नयीचुनौतियों के विरूद्ध आपको प्रशिक्षित किया जायेगा। आज कल के सुरक्षा माहौल में, सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक का ज्ञानहोना अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षा बलों को आधुनिक तकनीक पर आधारित निगरानी, सुरक्षा उपकरण और शस्त्र उपलब्ध करायेजाने चाहिए तथा उसके लिए सतत प्रशिक्षण होना चाहिए।

13. गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में मुझे केन्द्रीय बलों और उनसे जुड़े मुद्दों का नजदीक से अध्ययन करनेका अवसर मिला। राष्ट्रीय सुरक्षा में आपका योगदान महत्वपूर्ण है। मुझे ज्ञात हुआ है कि सरकार ने केन्द्रीय बलों केआधुनिकीकरण के लिए आबंटन बढ़ाया है। आप इस आबंटन का कारगर उपयोग करें और अपने अधिकारियों जवानों को नयीतकनीक उपलब्ध करायें उसमें प्रशिक्षित करें। मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि हाल के वर्षों में सीआरपीएफ से कई अधिकारियों तथासुरक्षा कर्मियों ने स्वत: सेवा निवृत्ति ली है या त्यागपत्र दिया है। ये चिंता का विषय है। बल के शीर्षस्थ नेतृत्व को इस विषय परगंभीर चिंतन करना चाहिए। मैं आशा करूंगा कि सरकार बल में पदोन्नति के अवसर बढ़ाने पर विचार करेगी और रिक्त स्थानोंको शीघ्र भरने का प्रयास करेगी। मैं यह भी अपेक्षा करूंगा कि सरकार और बल का शीर्ष नेतृत्व दुरूह, दुर्गम स्थानों पर तैनातहमारे सुरक्षा कर्मियों के लिए सुविधाओं में सतत सुधार करे। आवश्यक हो तो इसके लिए डीआरडीओ जैसे रक्षा शोध संस्थानों सेसहायता लें। बल का नेतृत्व, हमारे सुरक्षा कर्मियों के परिजनों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं के लिए विशेष प्रयास करे।

14. मुझे यह जानकार खुशी हो रही है कि सीआरपीएफ महिलाओं और Gender Equality को बढ़ाने में अग्रणी रही है। वर्तमान मेंकेरिपुबल में 05 महिला बटालियन हैं। “रैपिड एक्‍शन फोर्स’’ में भी महिला दस्‍ते की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। हर्ष का विषय है किसीआरपीएफ ने संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति सेना के तौर पर लाइबेरिया में महिला इकाई को तैनात किया था। आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र मेंनारी-शक्ति को शामिल करना राष्‍ट्रीय आवश्‍यकता है। इस बैच की 04 महिला अधिकारियों को, जो आज दीक्षांत परेड में शामिलहैं, बधाई की पात्र हैं।

15. अंत में मैं, एक बार पुन: एक सधी हुई परेड और उच्‍च अनुशासन में बंधे इस शानदार प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों कीसराहना करता हूं। मैं इस गौरवशाली बल में आपके उज्‍जवल भविष्‍य और अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य की भी शुभकामनाएं देता हूं। मैं सभीअभिभावकों और परिवारजनों को भी बधाई देता हूं।

16. मैं, इस अवसर पर सीआरपीएफ की युवा पीढ़ी व भावी नायकों को तैयार करने में सीआरपीएफ अकादमी की सराहना करता हूंऔर सीआरपीएफ को अपनी शुभकामनाएं भी प्रेषित करता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *