कब तक जारी रहेगी अवैद्य वसूली
चला आ रहा है ये सिलसिला
बी. डी. मंडल, आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
चेन्नई. तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है मरीना बीच जहां प्रतिदिन हजारों के संख्या में लोग सैर-सपाटे के लिए आते हैं। मरीना की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर है। तीज त्योहार में तो यहां आने वालों की संख्या लाखों में रहती है।
तमिलनाडु विधानसभा से महज दो किलोमीटर दूरी पर स्थित मरीना बीच पर्यटकों की सबसे पसंदीदा स्थलों में से एक है। मरीना बीच पर आने वालों के सेवा के लिए हजारों दुकानें भी स्थायी और अस्थायी तौर पर लगी हुई है लेकिन यह दुकानदार जो हमें आइसक्रीम या फिर अन्य खाने पीने की वस्तुएं सर्व करते हैं उसकी स्याह पक्ष भी है। उसे मरीना बीच पर दुकान लगाने के एवज में दुकानदारों को भारी रकम चुकानी पड़ती हैं।
वह भी सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को नहीं बल्कि उन लोगों को जो अपराध के बादशाह है। अर्थात दुकान चलाने के लिए हप्ता देने पड़ता है। जो प्रतिदिन 50 से 500 तक तय दी जाती है।
जानकारी के अनुसार मरीना बीच पर वर्षों से असमाजिक तत्त्वों का बोलबाला रहा है। यहां दुकानदारों से उनकी मासिक आमदनी और व्यवसाय के विस्तार के आधार पर बड़े दुकानदारों को प्रतिमाह 300 से 500 रुपए का लेबी वसूला जाता है। वहीं अस्थायी दुकानदारों को प्रतिदिन 50 से 100 रुपए रंगदारी टैक्स देना पड़ता है।
बताया जाता है कि मरीनाबीच पर दुकानदारों को सुरक्षा टैक्स या फिर रंगदारी टैक्स के नाम पर अममून 3 करोड़ तक की प्रतिमाह उगाही की जाती है।
इसकी सच्चाई की पड़ताल के लिए इंफोडिया ने मरीना के कुछ दूकानदारों और घुड़सवारों से बातचीत की तो उनकी प्रतिक्रिया कुछ इस तरह रहे।
गुडिय़ा का दुकान चलाने वाले चांदा बाशा ने बताया कि मेरा खिलौने का दूकान लीज पर है। कई बार मैने उन लोगों को प्रतिदिन 300 रुपए देने से मना किया, लेकिन उनलोगों ने मुझे धमकाने लगा कि अगर तुम प्रतिदिन पैसे नहीं दिए तो आगे इसका परिणाम भुगतान पड़ेगा। इसलिए अपने धंधे को बचाने के लिए मैं पिछले सात सालों से प्रति दिन 300 रुपए चुकाने को विवश हूं।
मरीना बीच पर अयोध्यापरुम और मटांगकुप्पम के रंगदारों का कब्जा है। वह कहते हैं पिछले कई वर्षों से हप्ता देकर व्यवसाय चला रहे हैं। हम लोग से यह कहकर रुपए वसुलते हैं कि उनकी व्यवसाय और जान माल के सुरक्षा की जिमेबारी उनके ऊपर है। इसलिए बदले में हम एक छोटा रकम लेते हैं।
एन. कृष्णनन, घुड़सवार
मै पिछले पांच सालों से मरीना बीच पर आइसक्रीम बेचते आ रहा हूं। बदले में हर दिन 100 रुपए देना पड़ता है। उनका आरोप था कि यहां वसुली करने वालों अपराधियो का पुलिस और स्थानीय राजनीतिक नेताओं से संपर्क है। पांच साल पहले हम प्रति दिन 20 रुपए चुकाते थे अब पांच साल बाद मुझे 100 रुपए हर दिन रंगदारी टैक्स देना पड़ता है।
डी नंद कुमार, आइसक्रीम विक्रेता
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असमाजिक तत्वों ने मरीना बीच पर दुकानदारों से अवैद्य उगाही के लिए अपनी अपनी क्षेत्र निर्धारित कर रखे हैं। ताकि कोई दुकानदार बिना रंगदारी टैक्स दिए, दुकानों का संचालन नहीं कर पायेगा। इसलिए वह वसुली के लिए चार सीमाएं निर्धारित की है। पहला सीमा लाइट हाउस से एमजीआर मेमोरियल तक, दूसरा गांधी स्मारक से लेकर विवेकानंद हाउस तक तीसरा विवेकानंद हाउस स्वीमिंग पुल तक अलग-अलग बदमाशों को निगरानी के बांट रखे हैं। इन सभी इलाको के दादा भी है जो नये दुकानदारों को पहचान करते हैं, और उनके लिए लेबी तय करते हैं। मरीना बीच जैसे पर्यटन स्थल पर असमाजिक तत्त्वों के मजबूत पकड़ से ऐसा प्रतीत होता है कि महानगर में असमाजिक तत्त्वों का पकड़ कितना मजबूत होगा। और अयोध्यापुरम महानगर के गेंगस्टार के शरणस्थली के रुप जाना जाता है। यहां के गैंगस्टर के वीरामनी को वर्ष 2003 में महानगर पुलिस ने मार गिराया था। उस समय श्रीनिवासापुरम और संथोम स्थित फिशिंग कॉलोनी पर कब्जा कर रखा था।
डी गणेशन, एक समाजसेवी
मरीना बीच के असामाजिक तत्वों पर लगाम कसेगी पुलिस
मरीना बीच के दुकानदारों से असामाजिक तत्वों द्वारा की जाने वाली वसूली पर लगाम कसने के लिए चेन्नई पुलिस ने बीच के पास शिकायत केंद्र की स्थापना करने की घोषणा की है। हमें अपने खूफिया सूत्रों से इस बारे में जानकारी तो मिलती थी पर किसी ने अब तक लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। डर के कारण भी लोग इन आसामाजिक तत्वों के खिलाफ शिकायत नहीं करते हैं। इसलिए पुलिस ने मरीना बीच स्थित गांधी स्टेच्यू के पास एक आधुनिक शिकायत केंद्र (किओस्क) की व्यवस्था करने की योजना बनाई है जिसे जल्द स्थापित कर दिया जाएगा।
पी. सरवणन, डीसीपी-मईलापुर किसान नेता पी. अय्याकन्नू