इको पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित हुआ महाभारत कालीन देव वृक्ष पारिजात धाम
बढ़ने लगी श्रद्धालुओं की संख्या
INN/Dhaka, @Infodeaofficial
बाराबंकी जिले मे स्थित महाभारत कालीन पारिजात धाम अब इको पर्यटन केंद्र के रूप मे विकसित हों चूका है I प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति से जिले मे धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन नई उचाईयों को छू रहा है I जिले मे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये जिला प्रशासन के सहयोग से वन विभाग ने पारिजात वृक्ष स्थल को एक शानदार इको पर्यटन स्थल के रूप मे करने का काम किया है I जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर किंतूर गांव मे स्थित महाभारत कालीन पौराणिक देववृक्ष पारिजात धाम का सौंदरीकरण होने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है बल्कि रोजाना हजारों की संख्या मे श्रद्धालुओं की मौजूदगी से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है I
यहाँ श्रद्धालु सैलानियों के लिये शानदार गार्डेन, पारिजात प्रांगण के चारो ओर वाकवे, इंफोग्राफिक्स के साथ ही जिंगल्स आदि तैयार किये गए है, पार्क का सौंदरीकरण होने से बच्चों का भी खूब मन लग रहा है बच्चों के लिए खेल स्थल, झूले बेंचेस, तो खाने-पीने के लिये कैंटीन, प्रांगण के चारो तरफ हरे-भरे पेड़ फल और फूलदार वृक्ष समेत तमाम सुविधाओं से लैस पारिजात धाम एक शानदार इको पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित हुआ है जोकि श्रद्धालुओं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है I
बाराबंकी के किंतूर गांव मे स्थित देव वृक्ष पारिजात कई मायनों में अनूठा है तथा यह अपनी तरह का पुरे भारत में इकलौता पारिजात वृक्ष है। कहते है की किन्तुर गाँव का नामकरण पाण्डवों कि माता कुन्ती के नाम पर हुआ है। यहाँ पर पाण्डवों ने माता कुन्ती के साथ अपना अज्ञातवास बिताया था। इसी किंटूर गाँव में भारत का एक मात्र पारिजात का पेड़ पाया जाता है। कहते है कि पारिजात के वृक्ष को छूने मात्र से सारी थकान मिट जाती है।
इस पेड़ पर सफेद रंग के फूल आते हैं जो कि सूखने पर सुनहले हो जाते हैं, यह फूल सिर्फ रात को खिलते हैं और सुबह मुरझा जाते हैं । रात में जब पारिजात के फूल खिलते हैं तो उनकी सुगंध दूर दूर तक फैल जाती है । पारिजात वृक्ष की गोलाई लगभग 50 फुट और ऊंचाई 45 फुट है । यहां इस पेड़ की पूजा की जाती है, कई पर्यटक इस पेड़ का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं I स्थानीय लोगों के मुताबिक इस पेड़ की आयु करीब 5000 साल है । इसके संरक्षण और इसकी देखभाल के लिए वन विभाग की टीमें लगातार इसकी निगरानी करती है I
इको टूरिज्म के रूप मे विकसित होने के बाद पारिजात धाम आने वाले श्रद्धालु पर्यटकों की संख्या मे काफी इजाफा हुआ है इसके सौंदर्यीकरण होने से लोगों को ये स्थान खूब भा रहा है I श्रद्धालु पर्यटकों ने बताया की सरकार ने पारिजात धाम को विकसित कर बहुत ही अच्छा काम किया I पर्यटकों ने बताया की यहाँ की साफ सफाई, बच्चों के लिए शानदार पार्क झूले आदि लगने से बहुत ही अच्छा लग रहा है I लोगों ने सरकार और वन विभाग की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया I
जिले मे धार्मिक और संस्कृतिक धरोहरों को सजोने और उन्हें सवारने का कार्य तेजी से जिला प्रशासन द्वारा किया जा रही महाभारत कालीन प्रसिद्ध तीर्थ स्थल महादेवा का सौंदरीकरण के साथ कोरिडोर निर्माण कार्य शुरू हुआ है तो वहीं प्रसिद्ध भगहर झील को इको टुरिज्म के रुप मे विकसित करने का कार्य प्रगती पर है तो पारिजात धाम के सौंदरीकरण के साथ एक शानदार इको टुरिज्म पार्क के रूप मे विकसित करने का कार्य किया गया है I
इस सम्बन्ध मे जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया किया जिले मे इको टुरिज्म को बढ़ावा देने के लिये वन विभाग ने पारिजात धाम को सुंदरीकरण के साथ है इको टुरिज्म के रूप मे विकसित किया है यहाँ पर्यटकों एवं बच्चों के सुख सुविधा के लिये बहुत अच्छा काम किया गया है जिससे पारिजात धाम मे लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है I