आई जी एन सी ए में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन का शुभारम्भ

आतंकवाद के खिलाप पर्यटन सबसे अच्छा हथियार –पर्यटन राज्यमंत्री                                                                                                    आईएनएन नई दिल्ली@infodeaofficial

र्यटन राज्यमंत्री श्री के. जे. अलफोंस ने कहा कि “आतंकवाद के खिलाप पर्यटन सबसे अच्छा हथियार है, पर्यटन के माध्यम से हम विश्व को एक साथ लेकर चल सकते हैं और इसके माध्यम से विश्व शांति के लिए काम कर सकते हैं, पर्यटन के माध्यम से ही हम विश्व में भारतीय सभ्यता को प्रसारित कर सकते हैं, वे ये सब इंदिरा गाँधी कला केंद्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन “अंकोरवट : स्मारक एवं जीवन्त परंपरा”  के शुभारम्भ में कह रहे थे | उन्होंने अंगकोर वट को भारतीय सभ्यता के अवतार के रूप में वर्णित किया। आगे उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा हाल ही में बनाया गया योग पर एक वीडियो ने भारतीय संस्कृति को विश्व में प्रस्तुत करने का एक सफलतम प्रयास किया है।  कंबोडिया में भारतीय पर्यटन के प्रसार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा उन्होंने कहा की हमे कंबोडिया में  अनुभवजन्य पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए | पर्यटन मंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय और कंबोडिया की संस्कृति का मूल बिंदु विश्व को शांति का सन्देश है और मुझे पूरी उम्मीद है की इस सम्मलेन के माध्यम से दोनों देशों के मध्य मित्रता और प्रगाढ़ होगी |”

आईजीएनसीआई ने इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। इस सम्मलेन में थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, फ्रांस जैसे देशों से कुल आठ विदेशी प्रतिनिधि एवं भारत के 12 विद्वान प्रतिभाग कर रहे हैं, इस सम्मेलन के माध्यम से खमेर की सभ्यता व विश्व प्रसिद्ध स्मारक का एक समग्र व्याख्या करने का प्रयास कर रहा है। इस सम्मेलन में चर्चा के बाद अगले पांच सालों में सहयोगी परियोजनाओं का एक रोड मैप और संयुक्त टीम द्वारा साइट के दस्तावेज तैयार किया जायेगा ।

उदघाटन सत्र में  पद्म श्री प्रो. सच्चिदानंद सहाय, वर्तमान में सलाहकार अप्सरा नेशनल अथॉरिटी, सिएम रीप, कंबोडिया ने पर्यटन मंत्री से आग्रह किया कि पर्यटन मंत्रालय को ‘अंगकोरवट’ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप चिह्नित करना चाहिए |

इस तीन दिवसीय सम्मलेन के उदघाटन सत्र में केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि अंगकोर वाट 12 वीं शताब्दी ए.ड. की महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, जिसका प्राचीन भारतीय सभ्यता के साथ गहरा संबंध है। कंबोडिया के कला और संस्कृति का अध्ययन करने के लिए आईजीएनसीए के एरिया स्टडीज कार्यक्रम के तहत दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन कार्यक्रम एक प्रमुख कदम है । आईजीएनसीए ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए कंबोडिया में अप्सरा नेशनल अथॉरिटी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जिसके द्वारा दोनों देशों में सांस्कृतिक समानता का अध्ययन किया जायेगा ।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *