“सीआईआई वार्षिक शिखर सम्मेलन में भा. प्रौ. सं. जोधपुर को उत्कृष्ट उद्योग-अकादमिक साझेदारी के लिए ग्रैंड जूरी पुरस्कार”
आईएनएन/जोधपुर, @Infodeaofficial
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भा. प्रौ. सं. जोधपुर) जोधपुर को कल 12 दिसंबर, 2024 को दिल्ली के होटल ललित में आयोजित प्रौद्योगिकी, बौद्धिक संपदा और उद्योग-अकादमिक भागीदारी पर सीआईआई वार्षिक शिखर सम्मेलन में सरकारी संस्थान श्रेणी में प्रतिष्ठित ग्रैंड जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जो भारतीय शैक्षणिक परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है । यह पुरस्कार भा. प्रौ. सं. जोधपुर के अनुकरणीय प्रयासों, शिक्षा एवं उद्योग के बीच सार्थक सहयोग को बढ़ावा देने की अटूट प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उद्योग-अकादमिक भागीदारी के लिए पहली बार पुरस्कार प्रदान कर रहा है। जिसका उद्देश्य उन संस्थानों को मान्यता देना है जो तकनीकी और सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावशाली सहयोग करने में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं । पुरस्कारों के इस पहले संस्करण में, भा. प्रौ. सं. जोधपुर को सरकारी संस्थान श्रेणी में प्रतिष्ठित ग्रैंड जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. आर. ए. माशेलकर और सीआईआई नेशनल मिशन ऑन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एंड रिसर्च के अध्यक्ष श्री विपिन सोंधी की जूरी द्वारा देश भर से उद्योग जगत के दिग्गजों, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं की उपस्थिति में प्रदान किया गया। संस्थान की ओर से यह पुरस्कार निदेशक प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल और निदेशक के सलाहकार प्रोफेसर संपत राज वडेरा ने प्राप्त किया ।
भा. प्रौ. सं. गांधीनगर ने स्वर्ण पुरस्कार, भा. प्रौ. सं. बॉम्बे ने प्लेटिनम पुरस्कार और भा. प्रौ. सं. दिल्ली ने डायमंड पुरस्कार हासिल किया । भा. प्रौ. सं. जोधपुर को ग्रैंड अवार्ड से सम्मानित किया गया, जो नवाचार, अत्याधुनिक शोध, सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग की दिशा में संस्थान के दृढ़ समर्पण एवं अग्रणी भूमिका को प्रदर्शित करता है।
इस अवसर पर भा. प्रौ. सं. जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश के. अग्रवाल ने कहा, “यह पुरस्कार हमारे संकाय, कर्मचारियों और छात्रों के सामूहिक प्रयासों का उत्सव है । हम अपने उत्कृष्टता के मिशन को जारी रखने के लिए विनम्र और प्रेरित हैं।”
भा. प्रौ. सं. जोधपुर की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ इसके संकाय, कर्मचारियों और छात्रों द्वारा प्रदर्शित सहयोगात्मक भावना और उत्कृष्टता की निरंतर खोज का प्रमाण हैं। संस्थान ने अभिनव अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और कौशल निर्माण कार्यक्रमों की अभूतपूर्व पहलों के माध्यम से स्वयं को अग्रसर करते हुए शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में प्रगति के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में स्थापित किया है । संस्थान ने बौद्धिक संपदा के सृजन को बढ़ावा देने तथा अनुसंधान को वास्तविक दुनिया के समाधानों में परिवर्तित करने के लिए मानक का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
भा. प्रौ. सं. जोधपुर के निदेशक के सलाहकार प्रोफेसर संपत राज वडेरा ने कहा, “हमारी सफलता सहयोग, नवाचार और सामाजिक प्रभाव के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित है जो हमारी अग्रणी वैचारिक परिवेश के दृढ़ संकल्प को बढ़ावा देती है।”
भा. प्रौ. सं. जोधपुर ने प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल के दूरदर्शी नेतृत्व और प्रोफेसर संपत राज वडेरा के रणनीतिक मार्गदर्शन में न केवल अपने उद्योग संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि राष्ट्रीय विकास में अग्रणी योगदान का मार्ग भी प्रशस्त किया है। शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति ने भा. प्रौ. सं. जोधपुर की भूमिका को रेखांकित किया, जो उच्च शिक्षा संस्थानों को महत्वपूर्ण सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग करने के तरीके को फिर से परिभाषित करने में अग्रणी है।
इस दिशा में भा. प्रौ. सं. जोधपुर के डीन ऑफ रिसोर्स एंड एलुमनाई प्रोफेसर कौशल ए. देसाई और उनकी टीम के प्रयास सराहनीय हैं। कॉर्पोरेट रिलेशंस कार्यालय और अनुसंधान एवं विकास कार्यालय ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की।
यह सम्मान आईआईटी जोधपुर की प्रौद्योगिकी और नवाचार में शीर्ष वैश्विक संस्थान बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने में संस्थान की भूमिका को उजागर करता है और एक स्थायी, ज्ञान-संचालित भविष्य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता से प्रेरित करता है।