राज्य में मत्स्य पालन में बेहतर भविष्य : जयकुमार

राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर भविष्य निर्माण हो रहा है। तमिलनाडु ऐसा पहला राज्य है जहां मत्स्य पालन के लिए विशेष मंत्रालय का निर्माण किया गया है और प्रदेश में इस क्षेत्र से जुड़े विषयों के अध्य्यन के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।

यहां आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में राज्य के मत्स्य पालन मंत्री डी. जयकुमार ने बताया कि तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरों के लिए सबसे परेशानी की बात यह थी कि पारम्परिक रोजगार के प्रति उनके बच्चों की रुचि कम होती जा रही थी।

इसके पीछे मछुआरों के साथ पड़ोसी देश श्रीलंका द्वारा किए जाने वाले दुव्र्यवहार, प्राकृतिक आपदा जैसे मसले हैं। मछुआरों के पारम्परिक पेशे को बचाने और आमजन की इस क्षेत्र में रुचि आकर्षित करने के उद्देश्य से हमने इसमें कई और विषयों और पाठ्यक्रम को जोड़ा है। दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के कार्यकाल वर्ष 2012 में मत्स्य विभाग और विश्वविद्यालय का गठन किया है।

विवि में फिलहाल 8 नए कोर्स जोड़े गए हैं। इसमें अब पीजी कोर्स को भी जोड़ा गया है। बहुत कम समय में ही विवि ने काफी अच्छा विकास किया है। यहां मास्टर्स के साथ सर्टिफिकेट कोर्स की भी पढ़ाई होती है।

उन्होंने कहा मत्स्य पालन व इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न व्यवसाय आदि के बारे में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है। अब इससे मछुआरा समुदाय व आमजन के लिए इस क्षेत्र में रोजगार के कई अवसर होंगे जिससे बेरोजगारी की समस्या घटेगी। जयकुमार का कहना है कि वह चाहते हैं कि विश्वस्तरीय पढ़ाई और सुविधा हो।

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