भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर द्वारा संस्थान में नई शैक्षणिक पहलों के लिए शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ शिक्षक दिवस 2024 मनाया गया । समारोह की शुरुआत पारंपरिक सरस्वती वंदना, दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देकर की गई । राष्ट्र के भविष्य के लक्ष्यों एवं चुनौतियों में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को मध्यनजर रखते हुए इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई ।
भा. प्रौ. सं. जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल ने उद्घाटन भाषण दिया, जिसमें उन्होंने शिक्षण कार्य को एक महान पेशे के रूप में रखते हुए इसके महत्व पर अपने विचार रखे । उन्होंने मातृभाषा (गैर-अंग्रेजी) भाषाओं में प्रथम वर्ष के प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम कार्यक्रमों (बी.टेक.) में शिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से एक नई पहल की शुरुआत की, जिससे विविध भाषाई पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए शिक्षा अधिक सुलभ तथा समावेशी बन सके । एक संक्षिप्त वीडियो प्रस्तुति के द्वारा तकनीकी शिक्षा में भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने की इस पहल की क्षमता को प्रदर्शित किया । प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा, “भा. प्रौ. सं. जोधपुर की सफलता के मूल में हमारे शिक्षक हैं – उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता की खोज और प्रेरणा देने की क्षमता । वे न केवल ज्ञान के संवाहक हैं, बल्कि हमारे छात्रों के चरित्र, बुद्धि और दृष्टि को आकार देने वाले मार्गदर्शक भी हैं ।”
इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण सतत शिक्षा केंद्र (CCE- Centre for Continuing Education) की वेबसाइट का शुभारंभ था, जहां सतत शिक्षा केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. अविनाश शर्मा ने आजीवन सीखने के अवसर प्रदान करने के केंद्र के मिशन का अवलोकन प्रदान किया । केंद्र अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के इच्छुक पेशेवरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए अभिनव पाठ्यक्रम प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा ।
इसके बाद शिक्षण उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया, जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता में उनके योगदान के लिए उत्कृष्ट संकाय सदस्यों को सम्मानित किया गया । इस पुरस्कार से उन शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने भा. प्रौ. सं. जोधपुर में सीखने के अनुभव को आगे बढ़ाने के लिए असाधारण प्रतिबद्धता दिखाई है ।
कार्यक्रम के सबसे प्रतीक्षित भागों में से एक था प्रतिष्ठित विशिष्ट शिक्षक पुरस्कारों से चार शिक्षकों को सम्मानित किया जाना:
- डॉ. विवेक विजय,गणित विभाग
- डॉ. बिनोद कुमार,विद्युत अभियांत्रिकी विभाग
- प्रो. कौशलकुमार अशोकभाई देसाई,यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग
- प्रो. सोमित्र कुमार सनाढ्य,संगणक विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग
शिक्षण उत्कृष्टता के पुरस्कार विजेता:
- डॉ. विवेक विजय,गणित विभाग
- प्रो. ऋचा सिंह,संगणक विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग
- डॉ. आकांक्षा चौधरी,स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स
- डॉ. सुमित कालरा,संगणक विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग
- डॉ. अर्पित अरविंद खंडेलवाल,विद्युत अभियांत्रिकी विभाग
- प्रो. मीनू छाबड़ा,जैव विज्ञान और जैव अभियांत्रिकी विभाग
मुख्य अतिथि डॉ. ओ.पी. यादव, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान जोधपुर के निदेशक ने जिम्मेदार नागरिकों को तैयार करने में शिक्षकों की समग्र भूमिका पर जोर दिया । उन्होंने कहा, “शिक्षण कार्य कक्षा से परे है; यह व्यक्तियों को जिम्मेदार नागरिक बनने और मजबूत चरित्र निर्माण के लिए शिक्षित करने के बारे में है ।” उनके संबोधन ने श्रोताओं के दिलों दिमाग पर गहरा प्रभाव डाला, जिसमें उन्होंने छात्रों के आजीवन सीखने की यात्रा पर प्राथमिक शिक्षकों के आधारभूत प्रभाव पर प्रकाश डाला ।
ऋषभ इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड और इवान फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री नरेंद्र गोलिया ने सभा को संबोधित किया और स्वच्छ ऊर्जा में अनुसंधान और नवाचार के लिए नव स्थापित ऋषभ केंद्र का परिचय दिया । श्री गोलिया द्वारा 70 करोड़ रूपये की सहयोग राशि से समर्थित इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को बढ़ावा देना है, जो भारत के सतत भविष्य निर्माण में योगदान प्रदान करेगा । श्री गोलिया ने भा. प्रौ. सं. जोधपुर में संकाय सदस्यों की शोध उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए दो महत्वपूर्ण शोध कुर्सियों की भी घोषणा की: ऊर्जा अनुसंधान के लिए गोलिया चेयर, और ऊर्जा अनुसंधान के लिए जोहरी यंग फैकल्टी फेलोशिप । श्री गोलिया ने भारत के विकास में शिक्षा के महत्व को पुष्ट करते हुए कहा, “भविष्य की पीढ़ियों के लिए चरित्र निर्माण किताबी ज्ञान से परे है; यह प्रभावशाली शिक्षकों और अपूरणीय शिक्षक-छात्र संबंध के बारे में है ।”
कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि प्रो. के.एल. श्रीवास्तव, कुलपति, जय नारायण व्यास विश्वविद्ययालय जोधपुर के एक ज्ञानवर्धक संबोधन के साथ हुआ । उन्होंने तकनीकी शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने के महत्व पर बात की तथा नवाचार और सांस्कृतिक संरक्षण दोनों के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया । प्रो. श्रीवास्तव ने कहा, “भा.प्रौ.सं. जोधपुर में, शिक्षक दिवस मनाने का तात्पर्य प्रकृति और प्रौद्योगिकी के बीच सामंजस्य स्थापित करना है, साथ ही प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम कार्यक्रमों (बी.टेक.) में क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की दृढ़ प्रतिबद्धता है ।”
शिक्षक दिवस समारोह का समापन छात्रों द्वारा प्रस्तुत एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसने दर्शकों को भा.प्रौ.सं. जोधपुर के संकाय सदस्यों के उल्लेखनीय योगदान के लिए गर्व और प्रशंसा की भावना से भर दिया ।
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