नीट परीक्षा को लेकर तमिलनाडु में उथल-पुथल

नेताओं ने किया रोटी सेंकने का प्रयास

सीबीएसई ने दिया करारा जवाब

आईएनएन/नई दिल्ली, @infodeaofficial
मेडिकल में दाखिले के लिए अनिवार्य की गई नीट परीक्षा के खिलाफ तमिलनाडु के लोगों का विरोध-प्रदर्शन कोई नया नहीं है। इस नियम के लागू होने के साथ ही राज्य में इसका पुरजोर विरोध शुरू हो गया था। हालांकि इस प्रदर्शन के पीछे राजनीतिक दलों का बड़ा हाथ था इसके बावजूद स्थानीय लोगों ने भी इसकी अनिवार्यता को स्वीकारना शुरू कर दिया।
यदि ऐसा  नहीं होता तो आवेदकों की संख्या में इस साल 31 प्रतिशत का उछाल कभी नहीं आता। गौरतलब है कि परीक्षार्थियों की संख्या में आए इस उछाल के कारण तमिलनाडु में इस साल सीबीएसई को पिछले साल की तुलना में 30 नए परीक्षा केंद्र बनाने पड़े और जब इसके बाद भी जब 1500 आवेदकों के लिए परीक्षा केंद्रों का इंतजाम नहीं हो पाया तो उन्हें सीमावर्ती राज्यों के नजदीकी जिलों में परीक्षा केंंद्र आबंटित कर दिए गए।
हालांकि परीक्षार्थियों की सुविधा का हवाला देते हुए जब यह मुद्दा मद्रास उच्च न्यायालय पहुंचा तो उसने सीबीएसई को नए केंद्र खोलने का निर्देश जारी कर दिया लेकिन परीक्षा के कुछ दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने  इस आदेश को खारिज करते हुए परीक्षार्थियों को उनके निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने का निर्देश जारी कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश आने के बाद राज्य भर में यह बात जंगल की आग की तरह फैल गई। आम से लेकर खास तक, नेता से लेकर अभिनेता तक सभी ने इस मुद्दे पर हल्ला मचाना शुरू कर दिया। जहां विपक्षी पार्टियां इसे सत्ता पक्ष की कमजोरी बताने में जुट गईं वहीं सत्ताधारियों ने दूसरे राज्यों में जाने वाले परीक्षाथिर्यों की मदद के लिए यात्रा भत्ता देने का ऐलान कर दिया।
शनिवार को तो सरकार ने बाकायदा केरल जाने वाले परीक्षार्थियों की मदद के लिए अपने कई अधिकारियों को केरल तक रवाना कर दिया। हालांकि यह जानने के बाद  कि  पड़ोसी राज्य केरल में परीक्षा केंद्र पाने वाले 75 प्रतिशत आवेदकों ने स्वेच्छा से अपना परीक्षा केंद्र केरल से चुना था, इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों को जैसे सांप सूंघ गया।  परीक्षार्थियों ने खुद बताया कि उनका घर केरल से नजदीक होने के कारण उन्होंने जानबूझकर केरल परीक्षाकेंद्र का विकल्प भरा था। राजस्थान एवं सिक्किम परीक्षा केंद्र जाने वाले सभी परीक्षार्थियों ने तो खुद ही अपना विकल्प राजस्थान एवं सिक्किम चुना था।
‘‘स्वेच्छा से राजस्थान परीक्षा केंद्र का विकल्प चुनने वाले आवेदकों को ही राजस्थान परीक्षा केंद्र दिया गया है। इसके अलावा कुछ ही ऐसे आवेदक हैं जिन्हें तमिलनाडु के भीतर परीक्षा केंद्र नहीं उपलब्ध कराया जा सका है।’’
सीबीएसई निदेशक, अनीता करवाल 

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *