दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा ने महात्मा गांधी के लक्ष्य को ऊर्जावान बनाये रखा है: सर्बानंद सोनोवाल

आईएनएन/चेन्नई, @Infodeaofficial

हिंदी एक मात्रा ऐसी भाषा है जो हम सभी देशवासियों को देश और विदेश में एक ही धागे में पिरोए रखने का काम करती है। आजादी के आंदोलन में हिंदी की प्रमुख भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के प्रयास की सराहना की। हिंदी प्रचार सभा को तकनीक का प्रयोग करते हुए देश विदेश में हिंदी के प्रचार प्रसार पर जोड़ देना चाहिए। चेन्नई में आयोजित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के 83वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय नौवहन, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि थे।

विभिन्न श्रेणियों में प्रवीण और विशारद परीक्षाओं में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष छात्रों को केंद्रीय मंत्री द्वारा स्वर्ण पदक और डिप्लोमा प्रदान किए गए। केंद्रीय मंत्री ने अपने भाषण में हिंदी के महत्व और देश के राष्ट्रीय एकीकरण और स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा महात्मा गांधी के सपने को पूरा किया गया है और उसे ऊर्जा दी गई है। सोनोवाल ने ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ पर जोर दिया, उन्होंने लगों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया। मंत्री ने दीक्षांत समारोह के दौरान तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ सहित क्षेत्रीय भाषाओं में योगदान देने वाले शिक्षाविदों को भी सम्मानित किया।

कई प्रशिक्षकों और छात्रों के साथ-साथ, कुलपति राधिका, उपाध्यक्ष हनुमंथप्पा और सोचाकलिंगम और दक्षिण भारत प्रचार सभा के अध्यक्ष मुरलीधरन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इन्फोडिया से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जहां भी जाते हैं, हिंदी बोलते हैं और हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देते हैं, और मैंने यह प्रयास तमिलनाडु से शुरू किया है।

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