उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शिक्षण संस्थाओं से विद्यार्थियों को नैतिकता, मूल्यों की शिक्षा देने को कहा, जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और इसके समाधन के लिए सकारात्मक कार्य योजना आवश्यक, उपराष्ट्रपति ने श्री दीनदयालु नायडू की जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया
आईएनएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने शिक्षण संस्थानों से कहा है कि डिग्री देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा सामाजिक सेवा, सशस्त्र बलों और एनएसएस, स्काउट और गाइड्स जैसे स्वैच्छिक संगठनों में सेवा देना अनिवार्य बनाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक सेवा में भाग लेना और ऐसी सेवाओं में नामांकन कराने से विद्यार्थियों में एकता, राष्ट्रवाद, सामाजिक चेतना का भाव पैदा होगा।
श्री दीनदयालु नायडू जन्म शताब्दी समारोह के समापन अवसर पर उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि वे दूरदर्शी नेता और समर्पित राष्ट्रवादी से प्रेरणा ग्रहण करें। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षण संस्थानों को स्कूलों में नैतिक विज्ञान की कक्षाएं चलानी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने सार्वजनिक जीवन में मूल्यों की कमी पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए बुद्धिमता, क्षमता और आचार-व्यवहार संपन्न उत्तरदायी सार्वजनिक प्रतिनिधि चुनने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत को स्वच्छ छवि का नेता चाहिए जिसका गरीबी, निरक्षता, अहिंसा और अन्य समाजिक बुराइयों से संघर्ष करने का रिर्कार्ड रहा हो। प्रतिनिधियों को लोगों की आवश्कता और पीड़ा के प्रति समार्पित होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचे।
उपराष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रकृति के संरक्षण और सुरक्षा के लिए सकारात्मक कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के प्रति ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए सरकारों, सार्वजनिक प्रतिनिधियों तथा स्काउट और गाइड के युवा लोगों को काम करना चाहिए।
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री वजुभाई रुदाभाई वाला, कर्नाटक सरकार के सहकारिता मंत्री श्री वंदेपा कसमपुर तथा वरिष्ठ अधिकारी और भारत और स्काउट गाइड तथा वृहद वेंगलुरु महानगर पालिके एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे।
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