आईआईटी मद्रास ने विकसित की कुंभ व हज जैसे आयोजनों में भगदड़ मचने से रोकने की प्रणाली

आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने कम से कम मानवश्रम का इस्तेमाल कर जबरदस्त भीड़ को नियंत्रित करने और कुंभ मेले तथा हज जैसे बड़े आयोजनों में भगदड़ से बचने के लिए एल्गोरिद्म (गणित के सवाल हल करने के नियमों की प्रणाली) विकसित की है।
कम्प्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल कर शोधकर्ता बुद्धिमानी से यह योजना बना सकते हैं कि भीड़ में भगदड़ मचने से बचाने के लिए पुलिसकर्मियों को कहां तैनात किया जाए। पत्रिका फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित शोध के अनुसार इससे उन कार्यक्रमों और लोकेशंस के लिए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के वास्ते प्रक्रियाओं का निर्माण करने में भी मदद मिल सकती है जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रोफेसर महेश पंचागुनला ने बताया कि कुछ साल पहले मुंबई में एल्फिंस्टन पुल हादसा हुआ था। जो काफी दुखद घटना थी। हमें लगा कि भगदड़ की भौतिकी को समझ से रोका जा सकता था।
उन्होंने बताया अगर हम जानते हैं कि यह घटना कैसे शुरू होती है और भीड़ में कैसे फैलती है तो इसे रोकने के भी तरीके हैं। इस तरह की भगदड़ शुरू होने की स्पष्ट प्रवृत्तियां होती हैं। हम उन शुरुआती संकेतों को समझना चाहते हैं और यह समझना चाहते हैं कि कैसे आप पुलिसकर्मियों या गेमचेंजर्स को तैनात करें जो भीड़ को इस तरह नियंत्रित करें ताकि भगदड़ मच ही नहीं सके।
सुमेश पी. थम्पी और अजिंक्य कुलकर्णी के शोध दल ने यह विश्लेषण किया कि क्या होता है जब एक बहुत छोटे से स्थान पर बहुत बड़ी भीड़ एकत्र हो जाती है जैसे कि हर वर्गमीटर के क्षेत्र में तीन-चार लोगों की मौजूदगी हो।
पंचागुनला ने कहा, अगर हम मक्का में जुटे लोगों का आकाश से वीडियो बनाएं तो ऐसा लगेगा जैसे किसी बाल्टी में पानी भरा हो। उन्होंने कहा, चलिए मान लीजिए कि मरीना बीच पर भीड़ जुटने वाली है। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड लगाएगी।
हमें यह सोचने की जरूरत है कि बैरिकेड्स कहां लगाए जाएं और कितने लोगों के आने की संभावना है। उन्होंने कहा, यह सिमुलेशन अनुमान लगा सकता है कि किसी जगह भगदड़ मचने की आशंका है और भगदड़ को तुरंत रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को कहां कहां तैनात किया जाना चाहिए।