आईआईएन/नई दिल्ली, @Infodeaofficial
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश में कूड़े के प्रबंधन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सर्वश्रेष्ठ प्रयोगों को क्रियान्वित करने के लिए केन्द्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और आईआईटी दिल्ली संयुक्त रूप से कार्य करेंगे।
केन्द्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने आज नई दिल्ली में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कूड़ा प्रबंधन के लिए विभिन्न उपलब्ध प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ प्रयोग करेगा।
वेस्ट टू वेल्थ मिशन को हाल ही में गठित प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रामगोपाल राव ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के अवसर अपने संबोधन में कहा कि हमने इस क्षेत्र को इंस्टीट्यूट के फोकस क्षेत्र में रखा है और विभिन्न विभागों में काम करने वाले शिक्षक कूड़ा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं में पहले से ही कार्य कर रहे हैं । हम सभी वेस्ट टू वेल्थ प्रौद्योगिकी का एक साथ प्रयोग कर और दुनियाभर की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों का अध्ययन कर इसको भारतीय शहरों में क्रियान्वित करेंगे।
आईआईटी, दिल्ली कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में दिल्ली में पहले से ही कार्यरत है और कूड़ा प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर दिल्ली प्रशासन के साथ काम कर रहा है।
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों, उद्योगों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और अन्य एजेंसियों के पास उपलब्ध तकनीक का प्रयोग कर पायलट परियोजनाओं की स्थापना कर भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ प्रयोग करना है। इस परियोजना का उद्देश्य कूड़े से विभिन्न तरह की ऊर्जा उत्पन्न कर भारत को कूड़ा मुक्त राष्ट्र बनाना है। इसके फलस्वरूप ग्रीन हाउस गैसों का शून्य उत्सर्जन होगा और स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणाम नहीं होंगे। इस कार्यक्रम के तहत आईआईटी दिल्ली में वेस्ट टू वेल्थ कार्यक्रम प्रबंधन केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
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