उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैने राजनीति नहीं की
विष्णु शर्मा, आईआईएन/चेन्नई, @Svs037
चेन्नई समेत देश के विभिन्न प्रांतो में सर्वोच्च न्यायालय की पीठ की स्थापना होनी चाहिए। इससे न्यायिक व्यवस्था लोगों तक पहुंचेगी और उन्हें न्याय पाने के लिए जद्दोजहत नहीं करनी पड़ेगी। यह कहना था उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु का जो चेन्नई में रविवार को अपने दो साल के कार्यकाल पर लिखी पुस्तक ‘लिस्टिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
नायडु ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम लोगों को न्याय पाने के लिए नाहक परेशानी से बचाएं और यह जिम्मेदारी न्यायपालिका और विधायिका दोनों की है। लोगों को अपने मामलों की सुनवाई के लिए दूर अपने गृह प्रदेश से नई दिल्ली पैसा और समय खर्च कर आना परता है। इसलिए यह जरूरी है सर्वोच्च न्यायालय की पीठ का गठन अन्य प्रदेशों में भी किया जाय।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस दिन से मुझे उपराष्ट्रपति बनाया गया उसके बाद से मैंने राजनीति नहीं की। लेकिन पार्टी के इस फैसले से मै बहुत दुखी था क्योंकी मुझे लगा कि अब मै राजनीति नहीं कर पाउंगा और उस संगठन के लिए काम नहीं कर पाउंगा जिसके लिए मै बचपन से काम करता आ रहा हुं। कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु का कहना था कि इस पुस्तक के द्वारा उन्होँने अपने अनुभव साझा किये हैं ताकि लोग इससे लाभान्वित हो सकें। उनका कहना था कि मेरा इरादा नानाजी देशमुख की तरह रचनात्मक कार्यक्रम करने का था क्योंकि मुझे जगह-जगह घूमकर कार्यकर्ताओ के साथ काम करने में आनंद आता है।
नायडु ने यह भी कहा कि मैंने कभी उपराष्ट्रपति बनना नहीं चाहा क्योंकि मुझे लगा कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद लोगों के साथ संवाद करना मुश्किल है, उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैं पार्टी ऑफिस नहीं जा पाऊंगा और अपने कार्यकर्ताओं से नहीं मिल पाऊंगा इस बात की चिंता भी मुझे थी। नायडु ने कहा कि पार्टी ने मुझे सबकुछ दिया है, पार्टी ही मेरा जीवन है और हर समय पार्टी के बारे में सोचता हूं। धारा 370 का जिक्र करते हुए उन्होंने कि धारा 370 का मुद्दा राष्ट्रीय है और इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कारण भारत की पहचान बढ़ी है और पूरी दुनिया में सम्मान प्राप्त हो रहा है।
उन्होँने ने कहा की मेरे जैसा व्यक्ति जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के आने पर तांगे पर बैठकर गली-गली में सूचना देता था और दीवारों पर पार्टी के बारे लिखता था उसे सत्ता पार्टी का मुखिया बनाया जायेगा, यह मैंने कभी सोचा भी नहीं था। उसके बाद विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला। अपने संबोधन में नायडु ने यह भी कहा किसी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिये किंतु किसी भाषा को जबरन किसी पर थोपना भी नहीं चाहिये, अपनी मातृभाषा को प्राथमिकता देना चाहिये।
इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होँने बताया कि वेंकैया जी विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता थे और जब विद्यार्थी परिषद् का धारा 370 के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तो वेंकैया जी भी उस आंदोलन का हिस्सा थे।
इस दौरान एक कम्युनिस्ट प्रोफ़ेसर ने वेंकैया जी से पूछा कि आपने कश्मीर देखा है क्या?
यदि आपने कश्मीर देखा ही नहीं है तो आप आंदोलन क्यों कर रहे हैं? तो छूटते ही वेंकैया जी का जवाब था कि हालांकि एक आँख को दूसरी आँख दिखाई नहीं देती लेकिन यदि एक को दर्द होता है तो दूसरी आँख को अपने आप महसूस हो जाता है।
शाह ने कहा कि राज्यसभा में ट्रेजरी बेंच के लोगों को उनसे हमेशा भय रहता है कि कहीं किसी नियम का तनिक भी उल्लंघन तो नहीं हुआ क्योंकि वेंकैया नायडु चाहे विपक्ष हो या ट्रेजरी, राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में दोनों के लिए समान व्यवहार करते हुए टिप्पणी करते हैं इसलिये प्रत्येक सदस्य उनसे डरता है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि वेंकैया जी के जीवन में कई सारे पड़ाव आये, उनका जीवन संघर्ष से भरा है और छात्र नेता, लोकप्रिय विधायक, भाजपा के जिला अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी पदों पर उन्होँने पूरी तन्मयता से काम किया।
शाह ने बताया कि आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा करते हुए उन्हे सत्रह महीने की जेल भी हुई। अमित शाह ने कहा उनके ही समय में भारत के शहरों का दृश्य बदलने वाली दो योजनाऐं, पीएम आवास योजना अर्बन और स्मार्ट सिटी लांच हुईं।
उन्होंने सफलता पूर्वक इस मंत्रालय का नेतृत्व किया और मोदी जी की अर्बन डेवलपमेंट की परिकल्पना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कठोर परिश्रम किया। शाह ने कहा कि वेंकैया जी ने उपराष्ट्रपति के पद को और गरिमामय बढ़ाते हुए, अधिक गतिशीलता लाते हुए देश के कोने-कोने में जाने का प्रयास किया।
अपनी यात्रा के दौरान उन्होँने विभिन्न प्रकार के सामाजिक जीवन के कार्य किए और चेतना लाने का विशेष कार्य किया है। उन्होँने यह भी कहा कि नायडु मूलत: किसान परिवार से हैं, इसलिए किसानों के साथ भी कई बार अनौपचारिक संवाद कर देश की सरकार को कृषि नीति के बारे में समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर तथा तमिलनाड़ु के मुख्य मंत्री ऐडापाड्डि के.पलनिसमी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम, मत्सयपालन मंत्री डी. जयकुमार सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
Leave a Reply