संजीव सिंह, आईआईएन/चेन्नई, @Infodeaofficial
बतौर सांसद रहते मैने जिन कामों का जिम्मा उठाया था उनमें से करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष काम आगामी एक या दो महिने में पूरा हो जाएगा। यह कहना है दक्षिण चेन्नई के सांसद और सबसे युवा सांसद जे. जयवर्धन का। जयवर्धन का नाम आने पर उनके पिता का नाम न आए एसा हो ही नहीं सकता। जर्यवर्धन के पिता तमिलनाडु में मतस्य पालन मंत्री डी. जयकुमार हैं। जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने वर्ष 2011 में एआईएडीएमके के सत्ता में आने के बाद विधानसभा का स्पीकर बनाया था। जयवर्धन का कहना है कि उन्होंने राजनीति अपने पिता से सिखी है और उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (अम्मा) को जाता है।
इंफोडिया ने जयवर्धन के साथ उनके विशेष बातचीत की और उनके काम का ब्योरा मांगा। प्रस्तुत है उसके कुछ अंश।
संवाददाता : राजनीति में आने की प्रेरणा किससे मिली?
जयवर्धन : लोगों की सेवा में तल्लीन रहना इसकी शिक्षा मुझे अपने पिता से मिली है और उनसे ही मुझे राजनीति में आने की प्रेरणा मिली।
मै जब एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था तभी पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (अम्मा) ने मुझे देखा कि पार्टी के कार्यों में मै अपने पिता की मदद करता हुं। जिसका बाद उन्होंने खुद मुझे मिलने के लिए बुलाया। वहीं से मेरे राजनैतिक करीयर की शुरूआत हुई।
संवाददाता : मल्टी स्पेशलिटी सरकारी अस्पताल की मांग कब पूरी होगी?
जयवर्धन : दक्षिण चेन्नई को इसके लिए अब लंबे समय तक इंतजार नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री एडपाड़ी के. पलनीसामी ने इस अस्पताल के लिए 33 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन किया है। इस परियोजना में और देरी न हो इसके लिए जमीन की पहचान भी कर ली है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार इस योजना को जल्द ही अमलीजामा पहनाएगी।
संवाददाता : क्या शेष रहा गया जो पूरा नहीं हुआ?
जयवर्धन : मैंने सांसद बनने के बाद अपने इलाके के काम को दीर्घकालीन और शीघ्रकालीन इन दो भागों में बाट दिया था। अस्पताल बनाने, मेट्रो, ईएमयू सेवा, कचरा प्रबंधन दीर्घकालीन परियोजना में था। इनमें से मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की अनुमति मिलने और जमीन आवंटन में काफी समय लग गया। दक्षिण चेन्नई को महानगर के अन्य भागों से जोडऩे के लिए परिवहन व्यवस्था को दूरूस्त करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जयललिता के समय ही काफी मिनी बसें चलाई गई जबकि मेट्रो और एमआरटीएस सेवा के प्रसार के लिए जमीन आवंटन और अधिग्रहण पर बातचीत चल रही है।
ईसीआर पर होने वाली दुर्घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए वहां पर 100 बेड वाले कैजुएलिटी अस्पताल का काम चल रहा है। पेरुंगुडी में भी नए अस्पताल का निर्माण किया गया है और पुराने प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में सुधार किया गया है। सडक़, जल निकासी के नालों और जलनिकायों को दुरुस्त करने का काम भी हो चुका है। सांसद निधि कोष से मिलने वाली धनराशि का अधिकतम इस्तेमाल करके मैंने हर छोटी-बड़ी योजना को पूरी करने के लिए हरसम्भव प्रयास किया है।
संवाददाता : इलाके में कचरा प्रबंधन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
जयवर्धन : इलाके में कचरा प्रबंधन के लिए भी विशेष कदम उठाया जा रहा है। पेरुंगुडी डम्पिंग यार्ड में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया जाएगा। इस संसदीय क्षेत्र में कचरा प्रबंधन के लिए 1,200 करोड़ रुपए की परियोजना पर काम हो रहा है। और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना पर भी मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद काम शुरू हो गया है।
यही नहीं पेरुंगुडी डम्पिंग यार्ड में अब कचरे से ऊर्जा उत्पादन का प्लांट लगाया जाएगा। इससे पर्यावरण को बिना प्रदूषित किए ऊर्जा उत्पादन होगा। इस परियोजना पर 300 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 2,500 करोड़ के बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के बारे में गृहमंत्री राजनाथ, मुख्यमंत्री ईके पलनीसामी और मुख्य सचिव से मुलाकात कर जानकारी दी गई है। इसके साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग और बाढ़ प्रभावित इलाकों की पहचान कर उनमें विशेष काम किया गया है ताकि दक्षिण चेन्नई में कभी बाढ़ की समस्या नहीं होगी। इसी प्रकार नेमेली के पास पेरुर में 450 एमएलडी प्लांट की स्थापना के लिए डीपीआर पर काम चल रहा है। इस परियोजना के पूरा होने से चेन्नई में कभी जल संकट नहीं होगा। जल संचयन के लिए कांचीपुरम जिले में संचयन सुविधा का निर्माण किया जा रहा है।
संवाददाता : आपने युवाओं के लिए क्या काम किया?
जयवर्धन: अपने क्षेत्र की जनता के हित के लिए मैं हमेशा काम करता रहा हूं। लोगों की समस्या सुनने के लिए हर महीने एक व दो शिविर लगाए जाते हैं। इन शिविरों में युवाओं से उनकी समस्याएं सुनकर उनके सुधार का हरसम्भव प्रयास किया जाता है। हर तीन महीने में दिशा बैठक होती है जिसमें क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का मुआयना करता हूं। युवाओं के लिए सांसाद निधि कोष से मैंने कई कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की है। मेरे ऑफिस में समय-समय पर इलाके के विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
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