महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेटियों ने बनाया साशून रक्षा ऐप्प

मुसीबत के दौरान अपनों तक पहुंचाएगा लोकेशन की जानकारी

महिलाओं के अलावा बच्चो एवं बुजुर्गों की सुरक्षा में भी उपयोगी

सुष्मिता दास/आईएनएन, दिल्ली, @infodeaofficial;
समें कोई संदेह नहीं कि हमारा देश एक संस्कृति प्रधान देश है लेकिन पिछले कुछ दशकों में महिला अपराध की घटनाएं जिस तेजी से हमारे यहां बढ़ी हैं उसने तकनीक के इस दौर में तेजी से बदलती भारतीय संस्कृति को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता वाले देश में लड़कियों एवं महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं आम बात हो चुकी है।
क्या बच्ची, क्या किशोरी, क्या युवती और क्या महिला आलम यह है कि आज कोई भी, कहीं भी सुरक्षित नहीं है फिर चाहे वह संतों का आश्रम हो या पुलिस थाना। दिल्ली के निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए आबंटित निर्भया कोष के बावजूद महिला अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि इस सरकार भी पर लगाम लगाने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रही है इसके बावजूद आज सरकार के लिए भी यह सबसे बड़ा सरदर्द बना हुआ है।
लेकिन कहते हैं अावश्यकता अविष्कार की जननी है और पिछले कई सालों से सभी को किसी ऐसी तकनीकि की तलाश थी जसके द्वारा महिला अपराध की घटनाओं पर काबू काबू पाया जा सके। ऐसे में महानगर के हृदय क्षेत्र में स्थित शंकरलाल सुन्दरबाई शासून जैन महिला महाविद्यालय की बेटियों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए शासून रक्षा नामक एक ऐप्प तैयार किया है जो महिलाओं के अलावा मुसीबत में फंसे हर व्यक्ति की मदद करेगा फिर चाहे वह दिव्यांग हो अथवा वरिष्ठ नागरिक।
महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. बी. पूर्णा ने बताया कि इस ऐप्प को उन्हीं के कॉलेज की बीसीए की छात्राओं ने प्रबंधन के सहयोग एवं अपने प्राध्यापकों की देख-रेख में तैयार किया है। इसकी उपयोगिता एवं कार्य प्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय महिलाओं खासकर छात्राओं के लिए यह ऐप्प अगर वरदान नहीं तो वरदान से कम भी नहीं है। विषम परिस्थितियों में छात्राएं इसकी मदद से बड़ी आसानी से अपनों तक पहुंचने में कामयाब हो सकती हैं। उन्होंने इसकी कार्य प्रणाली को समझाते हुए कहा कि विपरीत हालातों में जैसे ही हमारा हाथ हिलना शुरू होगा यह ऐप्प अपने आप हमारे स्थान की जानकारी एवं गूगल लिंक मैप हमारे परिजनों के पास भेज देगा।
हालांकि इसे संचालित करने के लिए शुरुआत मेंअपने स्मार्ट फोन पर इस ऐप्प को डाउनलोड करके उसे क्लिक करना जरूरी होगा। इसकी मदद से किन्हीं पांच लोगों का नंबर इस ऐप से जोड़ा जा सकेगा और सबसे पहली काल पहले नंबर पर जाएगी। खतरे की स्थिति में इस ऐप्प द्वारा परिजनों तक एक डेंजर मैसेज भेजा जाएगा।
दरअसल विपत्तिजनक स्थिति में जैसे ही फोन हिलना शुरू होगा वैसे ही जीपीएस द्वारा पीड़ित की जानकारी उसके परिजनों तक पहुंच जाएगी और जैसे ही वह सही सलामत सुरक्षित स्थान पर पहुंचेगी यह ऐप्प सेफ मैसेज के द्वारा इसकी भी सूचना अपनों के पास तक पहुंचा देगा। इसके अलावा मुसीबत पड़ने पर यह ऐप्प गूगल मैप द्वारा पास के पुलिस स्टेशन, एम्बुलेंस, फायर स्टेशन आदि जगहों को भी सूचित कर सकता है।  महिला सुरक्षा के अलावा इसका उपयोग बाल उत्पीडऩ एवं बुजुर्गों की रक्षा के लिए भी किया जा सकता है।

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